कुटखेड़ी के ग्रामीणों का कहना है कि हमारा छोटा गांव है और वहां के रहवासी व्यापारिक और कृषि संबंधित समस्त जरुरतों के लिए ग्राम पौनी के व्यापारियों और मजदूरों पर आश्रित है। ऐसे में पौनी के राजनीतिक लोगों द्वारा कुटखेड़ी के रहवासियों को खाद्य सामग्री, कृषि बीज, खाद कीटनाशक सहित दवाइयों का विक्रय करना भी बंद कर दिया है। यहां तक की चक्की चलाने वाले व्यवसायियों ने कूटखेड़ी के ग्रामीणों का अनाज तक पीसना बंद कर दिया है। यही नहीं वहां के किसानों ने खेत में कार्य करने जाने वाले कुटखेड़ी के मजदूरों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं दूध डेयरी संचालकों ने कुटखेड़ी के किसानों से दूध लेना भी बंद कर दिया है। गांव में आने की सडक़ बंद करने का प्रयास भी किया जा रहा है । सुरेंद्र गलफट ने बताया कि उसके पिता २० वर्ष से श्रवण तीर्थ स्थल समिति के अध्यक्ष है। ग्राम कूटखेड़ी में ही श्रवण तीर्थ स्थल की स्थापना की जानी चाहिए। ग्राम पौनी के ग्रामीणों ने अभी उन्हीं के गांव के पास सडक़ किनारे मूर्तियों को ले जाकर रख दिया गया है। यही पर मंदिर बनाने की बात कही जा रही है। वहीं सुरेन्द्र ने बताया कि ग्राम कूटखेड़ी में दामा दैयत बाबा का मंदिर है। श्रवण तीर्थ के लिए आने वाले लोग पहले भी यहां पर दर्शन करने आते थे। ग्रामीण चाहते है कि ग्राम कूटखेड़ी में ही श्रवण तीर्थ की स्थापना की जाए।
ग्राम पौनी और कुटखेड़ी में श्रवण तीर्थ स्थल स्थापना का विवाद सामने आने के बाद सांईखेड़ा थाना प्रभारी रत्नाकर हिंगवे ने थाने मेंं ही दोनों गांवों के लोगों की बैठक ली है। शुक्रवार गांव के दस-दस लोगों को थाने बुलाया था। कुटखेड़ी गांव की सुविधाएं बंद करने का विवाद सुलझ गया है। थाना प्रभारी हिंगवे ने बताया कि अब पहले ही तरह ही दोनों गांव के बीच लेन-देन सहित अन्य सुविधाएं चलती रहेगी। तीर्थ स्थल बनाने अभी जगह तय नहीं हो सकी है। दोनों ही गांव के ग्रामीणों द्वारा आपस में जगह तय कर ली जाएगी।
पारसडोह डैम निर्माण के चलते ग्राम पंचायत लिहदा स्थित त्रिवेणी संगम श्रावण तीर्थ स्थल डूब क्षेत्र में चला गया है। ऐसी स्थिति में कूटखेड़ी के ग्रामीणों का कहना है कि कुटखेड़ी गांव पहले से ग्राम पंचायत लिहदा का हिस्सा रहा है। डूब चुके ताप्ती त्रिवेणी संगम श्रावण तीर्थ की पुनस्र्थापना ग्राम कुटखेड़ी में ही की जाए। पास के ही ग्राम पौनी के ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। पंचायत की बिना अनुमति के ही श्रवण तीर्थ स्थल की मूर्तियां उठाकर लेकर गए हैं।
गांव में श्रवण तीर्थ स्थल की स्थापना को लेकर विवाद है। दोनों गांव के ग्रामीणों को बुलाकर समझाइश दी है। ग्रामीण मान भी गए हैं। आवश्यक सुविधाएं शुरू हो जाएगी।
रत्नाकर हिंगवे, थाना प्रभारी साईखेड़ा।