भारतीय मजदूर संघ की प्रमुख 24 मांगों में विनिवेश रोकने, नई खदानें खोलने, कल्याण संबंधी समस्याओं के निराकरण करने, क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक संबंध के तहत तय प्रकरणों का क्रियान्वयन करने, कोयला खदानों के निजीकरण पर रोक लगाने, बायोमेट्रिक अटेडेंस के आधार पर ठेका मजदूरों का वेतन भुगतान सुनिश्चित करने, वेतन में गड़बड़ी को ठीक करने पाथाखेड़ा में अपना सर्वर देने, सेवानिवृत्त कामगारो के भविष्य निधि से संबंधित व्हीव्ही स्टेटमेंट, माइनिंग सरदार, ओव्हरमेन को वेतन समझौता दस के चार्ज एलाउंस का एरियर्स भुगतान करने, कंपनी के सभी डिग्री होल्डर्स, एमबीए के कामगारों का केरियर ग्रोथ का निकाला गया कामगारों का पत्र जिसमें कंपनी के सभी कामगार जो डिग्री होल्डर्स और एमबीए है। उन सभी का पत्र एक साथ जारी करने, प्रबंधन द्वारा इस मांग का निराकरण करते हुए लिखित निर्देश देकर 16 4 जनरल मजदूर कामगारों की सूचीं जारी की है।वर्ष 2017 में जिन कामगारों ने वेकोलि में आयोजित लिपिक पद की परीक्षा पास कर ली है। उन सभी कामगारों के चयन की प्रक्रिया जल्द पूर्ण की जाए।बढ़ाए गए दर से एलपीजी सिलेंडर की राशि का भुगतान किया जाए जैसी मांगें शामिल है।
भारतीय मजदूर संघ द्वारा पूरे वेकोलि क्षेत्रों में तीन चरणों में आंदोलन किया जा रहा है। प्रथम चरण में 23 से 31 जुलाई तक जनजागरण और काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया गया।1 से 8 अगस्त तक सभी खदानों पर गेट मीटिंग कर सरकार और कोयला प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है।वहीं दूसरे चरण में वेकोलि के सभी महाप्रबंधक कार्यालयों के सामने धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा जाएगा।तीसरे चरण में 13 अगस्त को वेकोलि मुख्यालय पर अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के कार्यालय के समक्ष धरना, प्रदर्शन कर आंदोलन को तीव्र किया जाएगा। खासबात यह है कि पाथाखेड़ा क्षेत्र में छह खदानें हैं। जिनमें लगभग 4500 कोल कर्मी कार्यरत है। लगातार चल रही द्वारसभा से कोयला उत्पादन पर असर पडऩे से इंकार नहीं किया जा सकता। दरअसल प्रतिदिन प्रत्येक खदानों पर दो-दो घंटे गेट मीटिंग चल रही है।