महिलाओं से सीधा-संवाद पूछा सिलेंडर मिलने में क्या परेशानी आ रही
गैस मिलने में होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए खाद्य विभाग ने शिविर लगाकर महिलाओं से सीधे संवाद किया।
Direct communication with women
बैतूल। प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजनांतर्गत महिला हितग्राहियों को गैस मिलने में होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए खाद्य विभाग ने शिविर लगाकर महिलाओं से सीधे संवाद किया। संवाद के दौरान महिलाओं ने गैस रिफलिंग कराने से लेकर सिलेंडर मिलने तक होने वाली परेशानियों को लेकर खुलकर अपनी पीड़ा व्यक्त की। जिसके बाद शिविर में मौजूद गैस एजेंसी संचालकों ने यह भरोसा दिलाया कि आगे से उन्हें इन परेशानियों की सामना नहीं करना पड़ेगा। कार्यक्रम में शामिल अतिथियों ने उज्जवला योजना के नए हितग्राहियों को गैस चूल्हा एवं सिलेंडर भेंट कर योजना से लाभांवित कराया। इस मौके पर मुख्यअतिथि विधायक हेमंत खंडेलवाल, नपाध्यक्ष अलकेश आर्य, जनपद अध्यक्ष पूर्णिमा पाठा, नपा उपाध्यक्ष आनंद प्रजापति, नगर युवा जनता मोर्चा अध्यक्ष राजेश आहूजा, बबलू मालवी, पार्षद जमुना पंडाग्रे आदि उपस्थित थे।
अकेले बैतूल ब्लॉक में साढ़े बारह हजार कनेक्शन
प्रधानमंत्री उज्जवला गैस वितरण योजनांतर्गत बैतूल विकासखंड में लगभग १२ हजार ५०० परिवारों को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। जिनमें से ९० प्रतिशत परिवार ०३ माह से अधिक समय के बाद ही गैस सिलेंडर ले रहे हैं। गैस सिलेंडर नियमित रूप से लेने में इन उपभोक्ताओं को क्या परेशानी है। इसका निराकरण करना शिविर लगाए जाने का उद्देश्य था।
अतिथियों ने भी किया सीधा-संवाद
उज्जवला योजना के हितग्राहियों से अतिथियों ने भी सीधा संवाद कर उन्हें गैस में भोजन पकाने और नियमित रूप से गैस का इस्तेमाल किए जाने के फायदे गिनाए। विधायक खंडेलवाल ने महिलाओं से अपील की कि वे योजना का लाभ ले और लकड़ी, कंडें और धुएं से छुटकारा पाए। नपाध्यक्ष आर्य ने भी महिलाओं को योजना का लाभ लेने और रसोई गैस में ही भोजन पकाने की अपील की। कार्यक्रम के आयोजक सहायक आपूर्ति अधिकारी आशीष दुबे ने महिलाओं से संवाद कर उनकी समस्याएं जानी और विभाग के माध्यम से उनका निराकरण करने की बात कही।
इसलिए बांटे जा रहे नि:शुल्क गैस कनेक्शन
१. महिलाओं को लकड़ी, कंडों के धुएं के दुष्यप्रभाव से बचाना जो कि उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।
२. घरों में धुआं नहीं होगा तो घर भी साफ सुधरे रहेगे।
३. समय की बचत होगी, जल्दी भोजन पकेगा।
४. लकड़ी, कंडों के लिए जंगल नहीं जाना पड़ेगा।
५. जंगलों में वृक्षों की कटाई पर भी रोक लगेगी।
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