पढ़े, तीन बार नोटिस के बाद भी शुरू नहीं हुए करोड़ों के काम अब टेंडर निरस्त की कार्रवाई
नगरपालिका के ठेकेदारों द्वारा सड़क, नाली, रिटर्निंग वॉल आदि के टेंडर लेने के बाद भी समय-सीमा में काम शुरू नहीं किए जाने पर अब टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। करीब ६३ निर्माण कार्यों के टेंडर निरस्तीकरण की कार्रवाई होना बताया जा रहा है।
Work was not being started by the contractors even after the issuance of work order for 63 construction works
बैतूल। नगरपालिका के ठेकेदारों द्वारा सड़क, नाली, रिटर्निंग वॉल आदि के टेंडर लेने के बाद भी समय-सीमा में काम शुरू नहीं किए जाने पर अब टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। करीब ६३ निर्माण कार्यों के टेंडर निरस्तीकरण की कार्रवाई होना बताया जा रहा है। नगरपालिका द्वारा ठेकेदारों को छह माह पहले निर्माण कार्यो के वर्क आर्डर जारी किए गए थे, लेकिन ठेकेदारों ने आज तक काम नहीं शुरू किया। जिसके चलते नगरपालिका को तीन बार नोटिस भी जारी करने पड़े। नोटिस का उचित जवाब नहीं दिए जाने पर आखिरकार नगरपालिका द्वारा टेंडर निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिससे ठेकेदारों में भी हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है।
सवा करोड़ के निर्माण कार्य अधर में लटके
नगरपालिका में सवा करोड़ के निर्माण कार्यों के टेंडर लंबे समय से पेडिंग पड़े हुए है। ठेकेदारों द्वारा वर्कआर्डर लेने के बाद भी काम शुरू किए जाने पर नगरपालिका द्वारा तीन बार नोटिस भी जारी किए गए लेकिन जब ठेकेदारों द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिया गया तो नगपालिका ने टेंडर निरस्त करने के लिए फाइलें चलाना शुरू कर दिया है। निर्माण कार्यों की कुल ६३ फाइलें टेंडर होने के बाद से पेडिंग पड़ी हुई थी। जिसमें से १९ फाइलों पर सीएमओ द्वारा टेंडर निरस्त करने के लिए हस्ताक्षर भी कर दिए गए हैं। नपाध्यक्ष के हस्ताक्षर होने के बाद टेंडर निरस्त हो जाएंगे। इधर टेंडर निरस्त होने के कारण वार्डों में होने वाले निर्माण कार्य की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
पांच प्रतिशत देना पड़ रही परफार्मेंस गारंटी
नगरपालिका में काम करने के लिए ठेकेदारों को निर्माण कार्य की लागत का पांच प्रतिशत परफार्मेंस गारंटी के रूप में एफडीआर बनाकर देना होता है। जिसके बाद ही उन्हें वर्कआर्डर जारी किए जाते हैं। एबो दर पर लिए गए टेंडर में पांच प्रतिशत परफार्मेंस गारंटी वसूल की जाती है जबकि १०प्रतिशत से अधिक बिलो दर पर लिए गए टेंडर में ठेकेदार को ५ प्रतिशत एक्सट्रा यानि दस प्रतिशत परफार्मेंस गारंटी की एफडीआर बनाना होती है। नगरपालिका द्वारा जो टेंडर निर्माण कार्यों के निकाले गए थे उनमें से अधिकांश कार्य बिलो रेट पर ही स्वीकृत हुए हैं। इसलिए दस प्रतिशत राशि की एफडीआर बनाने में ठेकेदार शुरूआत से लेटलतीफी कर रहे थे। जिसके कारण नगरपालिका को अब टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई करना पड़ रहा है।
दो पार्ट में खोले गए थे टेंडर
नगरपालिका द्वारा निर्माण कार्यों के लिए दो पार्ट में टेंडर खोले गए थे। विधानसभा चुनाव के पहले जहां ४३ कार्यों के टेंडर खोले गए थे वहीं लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ६१ निर्माण कार्यों के लिए टेंडर निकाले गए थे। चूंकि चुनावी वर्ष था इसलिए टेंडर खुलने के बाद भी आचार संहिता के डर से ठेकेदारों द्वारा काम शुरू नहीं किया गया। लोकसभा चुनाव के दौरान भी निर्माण कार्यों को लेकर यही स्थिति बनी रही। जिसके कारण समय-सीमा में निर्माण कार्य नहीं हो सके थे। नगरपालिका द्वारा थोक में ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए लेकिन ठेकेदारों ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में अब नगरपालिका टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
ठेकेदारों की अमानत राशि होगी राजसात
नगरपालिका निर्माण कार्य शुरू किए जाने के लिए ठेकेदारों को पहले भी नोटिस जारी कर चुकी हैं लेकिन इसके बाद भी ठेकेदारों द्वारा कार्य शुरू नहीं किए जाने पर नगपालिका द्वारा अंतिम बार नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में सात कार्यदिवस में काम शुरू किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। अन्यथा २ प्रतिशत अमानत राशि राजसात कर लिए जाने की चेतावनी दी गई है। बताया गया कि निर्माण कार्य की लागत का दो प्रतिशत अमानत राशि टेंडर खुलने के बाद ही जमा करा ली जाती है। जिसके बाद ही पांच प्रतिशत परफार्मेंंस गारंटी जमा होने पर वर्कआर्डर जारी किया जाता है। चूंकि ६३ निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सके हैं ऐसे में नगरपालिका अब इन निर्माण कार्यों के टेंडर में लगी दो प्रतिशत की अमानत राशि राजसात करने की कार्रवाई कर रही है।
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