बता दें कि सोनभद्र नरसंहार में भदोही रेलवे स्टेशन अधीक्षक का नाम आने पर उन्हें वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया गया । वहीं अब उनके खिलाफ जल्द ही सस्पेंशन की कार्रवाई की जाएगी। रेलवे के डीआरएम कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक एक से दो दिन के अंदर उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा और मामले में अगर दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ बर्खास्तगी की भी कार्रवाई की जाएगी।
सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के उभ्भा में जमीन पर कब्जे को लेकर किये गए नरसंहार की घटना के आरोपी ग्राम प्रधान ज्ञानदत्त गुर्जर कोमल सिंह के सगे रिश्तेदार हैं और उन्होंने उस जमीन में ग्राम प्रधान से भी बड़ा हिस्सा अपने नाम कराया है। घटनास्थल पर इस बात की चर्चा रही कि पूरे घटना का मास्टर माइंड कोमल सिंह है और घटना के दिन यह खुद मुंह पर रुमाल बांधकर मौके पर मौजूद था। लोगों का कहना है कि कोमल सिंह ने भी फायरिंग की थी। बहरहाल कोमल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है।
10 वर्षों से भदोही के आस-पास के स्टेशनों पर रहा है कोमल सिंह का कब्जा
कोमल सिंह का रेलवे में भी खूब सिक्का चलता था। उसके ऊपर कई अधिकारियों से अच्छे सम्बन्ध थे जिसके कारण वह लगभग दस वर्षों से भदोही और उसके आस पास के स्टेशन पर जमा रहा। 2009 में कोमल सिंह की भदोही स्टेशन पर तैनाती हुई। यहां चार वर्ष लगातार नौकरी के बाद 2013 में तबादला जंघई स्टेशन हो गया लेकिन भदोही स्टेशन पर किसी अधीक्षक की तैनाती नहीं हुई और भदोही का भी प्रभार कोमल के पास ही रहा। दो वर्ष जंग के साथ भदोही का भी चार्ज पर उनका कब्जा रहा। 2016 में फिर कोमल सिंह को भदोही का अधीक्षक बनाया गया, तब से वह पद पर बने रहे। लेकिन अब सोनभद्र नरसंहार में हुई गिरफ्तारी के बाद नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 24 घण्टे जेल में बीताने के बाद पहले निलंबन और फिर दोषी पाए जाने और बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी।