बाहुबली कहलाने वाले रमाकांत यादव ने साल 1984 में जगजीवन राम की छत्रछाया में राजनीति शुरू की। फूलपुर विधानसभा से वह 1984 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद वो चार बार विधायक बने। विधायक के बाद जब उन्होंने लोकसभा का रुख किया तो आजमगढ़ से चार बार सांसद चुने गए। आजमगढ़ लोकसभा सीट के इतिहास में अकेले पूर्व केन्द्रीय मंत्री चन्द्रजीत यादव ही ऐसे रहे हैं जो चार बार इस सीट से सांसद बने हैं।
रमाकांत यादव 2008 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में पहली बार आजमगढ़ में बीजेपी का खाता खोला। रमाकांत यादव ने 2014 का लोकसभा चुनाव भी बीजेपी के टिकट पर ही लड़ा। लेकिन मुलायम सिंह यादव से चुनाव हार गए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें ही सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन सीएम योगी के विरोध के चलते उनकी जगह भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को आजमगढ़ से भाजपा ने प्रत्याशी बना दिया।
इससे रमाकांत यादव नाराज हो गए और आठ अप्रैल को निरहुआ के रोड शो में भी नहीं शामिल हुए। इसके बाद से ही आशंका जतायी जा रही थी कि वह कोई दूसरा ठिकाना पकड़ेंगे। हालांकि 25 मार्च को उन्होंने एक बयान कहा था कि बड़ों-बड़ों का टिकट कट गया तो उनका भी कट गया ऐसे में वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे। पर उसके बाद ही उन्होंने 12 अप्रैल शुक्रवार को बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया।
By Mahesh Jaiswal