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बछड़ी सबको चाहिए, पर विश्वास नहीं

locationभदोहीPublished: Oct 18, 2016 05:22:00 pm

Submitted by:

Abhishek ojha

गंगापुरसिटी. हरियाणा के एक पशुपालक के यहां गाय के बछड़ी पैदा हुई। सुनने में यह एक सामान्य सी बात है, लेकिन खास बात यह है कि एक विशेष सीमन के उपयोग से उनकी इच्छा के अनुसार यह बछड़ी पैदा हुई है।

गंगापुरसिटी. हरियाणा के एक पशुपालक के यहां गाय के बछड़ी पैदा हुई। सुनने में यह एक सामान्य सी बात है, लेकिन खास बात यह है कि एक विशेष सीमन के उपयोग से उनकी इच्छा के अनुसार यह बछड़ी पैदा हुई है। यही सीमन राजस्थान में भी पशुपालन विभाग को उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों से मांग की गई थी, लेकिन पशुपालकों ने इसमें अधिक रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में राज्य सरकार की यह योजना सफलता का एक भी पायदान नहीं चढ़ सकी। गाय पालने वालों को अधिकांशत: बछड़ी की उम्मीद रहती है। बछड़ा होने पर उन्हें आवारा छोड़ दिया जाता है। ऐसे में सड़कों पर आवारा मवेशियों की संख्या में लगातार हो रहे इजाफे पर कुछ अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने इस विशेष सीमन पशुपालकों तक पहुंचाने के लिए योजना शुरू की थी। इसके तहत सभी जिलों में पशुपालकों को इस सीमन के बारे में जानकारी देकर उनकी मांग के अनुरूप सीमन पशुपालन विभाग को उपलब्ध कराना था। विभाग ने इसकी जानकारी भी पशुपालकों को दी, लेकिन पशुपालक इसकी ओर आकर्षित नहीं हुए। ऐसे में विभाग के पास यह सीमन नहीं पहुंच सका। सवाईमाधोपुर जिले की बात की जाए तो यहां से एक भी पशुपालक ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। 
100 रुपए हो जाए कीमत, तो बने काम 

पशुपालन विभाग के चिकित्सकों व पशुपालकों का मानना है कि इस सीमन की कीमत सरकार की ओर से सब्सिडी देकर 100 रुपए तक कर दी जाए तो मांग बढ़ जाएगी। फिलहाल पशुपालक इसे खरीदने में इसलिए भी संकोच कर रहे हैं कि सीमन उपलब्ध कराने वाले कंपनी तो इसकी गारंटी लेती है, लेकिन अभी तक इसके पुख्ता प्रमाण सरकार की ओर से नहीं मिल सके हैं। इसके साथ ही कई बार पशुओं को एक से अधिक इंजेक्शन का उपयोग करना पड़ता है। इससे काफी महंगा पडता है।
कीमत बनी रोड़ा

अन्य सीमन की तुलना में इस सीमन की कीमत कई गुना अधिक है। जहां सामान्य सीमन 40-50 रुपए में को उपलब्ध हो जाता है, वहीं इस सीमन की कीमत 700 रुपए है। ऐसे में पशुपालक इसके परिणाम को लेकर असमंजस में रहे और नतीजा यह रहा कि प्रदेश में इसकी कहीं से भी मांग नहीं हुई। 
सरकारी में नहीं, निजी चिकित्सालयों में उपलब्ध

मांग नहीं होने के कारण पशुपालन विभाग की ओर से किसी भी सरकारी पशु चिकित्सालय में इसे उपलब्ध नहीं कराया गया, लेकिन निजी पशु चिकित्सालयों में यह उपलब्ध है। पशु चिकित्सकों के अनुसार कुछ पशुपालक जिन्हें इसकी आवश्यकता होती है और इसका उपयोग करना चाहते हैं, वह निजी चिकित्सकों के पास जाकर गर्भाधान करवाते हैं। 
नहीं चली योजना

सेक्स शॉर्टेड सीमन की योजना चल नहीं सकी है। पशुपालकों की ओर से इसकी मांग नहीं होने से विभाग को उपलब्ध नहीं हुआ। इसकी कीमत 100 रुपए तक हो जाए, तो इसका उपयोग बढ़ जाएगा। 
गौरीनंदन गोयल, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, सवाईमाधोपुर

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