विभाग में श्रमिक कर्मकार कल्याण मंडल के माध्यम से भवन निर्माण करने वाले हिताधिकारी श्रमिकों को उपकर राशि से योजनाओं का लाभ दिया जाता है। यह सरकारी, गैर सरकारी व निजी स्तर पर दस लाख या इससे अधिक लागत का निर्माण कराते हैं तो श्रम विभाग में भू-राजस्व अधिनियम 1956 के तहत एक प्रतिशत उपकर लेने का प्रावधान है, जिसे सरकारी विभाग समय पर देते हैं। लेकिन, निजी स्तर पर कार्य कराने वाले उपकर जमा कराने से बचते हैं।
श्रमविभाग से पंजीकृत श्रमिकों को योजनाओं का लाभ इसी उपकर राशि से दिया जाता है। यह राशि नहीं देने पर विभाग ने सर्वे के दौरान भवन निर्माण कराने वालों को नोटिस जारी किए। इसमें विभाग निर्माणकर्ता को 15 दिन में कार्यालय आकर लागत का ब्यौरा मय दस्तावेज के देना होता है। विभाग उपकर निर्धारण कर राशि लेता है। इस अवधि में उपकर नहीं देने पर विभाग स्वयं सर्वे के आधार पर सेस का निर्धारण करता है। इसके बाद विभाग कलक्टर के माध्यम से संबंधी क्षेत्र के तहसीलदार व अन्य अधिकारी वसूली करते हैं। संभागीय श्रम आयुक्त ओपी सहारण का कहना है कि विभाग ने नए वित्तीय वर्ष में उपकर वसूली के लिए नोटिस जारी किए व जिला कलक्टर को सूचित कर दिया है। वहीं अप्रेल से अब तक 24 लाख रुपए की वसूली की है। वसूली जारी रहेगी।