अब आदिबद्री व कनकांचल पर्वत सरंक्षित वन क्षेत्र डीग के गांव पसोपा में करीब साढ़े 550 दिन से भी ज्यादा समय तक चले आंदोलन के बाद आखिर राज्य सरकार ने आदिबद्री व कनकांचल पर्वत को सरंक्षित वन क्षेत्र घोषित करते हुए गजट नोटिफिकेशन कर दिया है। अब इस क्षेत्र में अवैध खनन रोकने व पौधारोपण समेत प्रत्येक गतिविधि की जिम्मेदारी वन विभाग की होगी। उल्लेखनीय है कि 551 दिन के आंदोलन के बाद गांव पसोपा में बाबा विजयदास ने 19 जुलाई को आत्मदाह का प्रयास किया था, जहां भरतपुर से जयपुर और जयपुर से दिल्ली रैफर करने के बाद उनका इलाज के दौरान निधन हो गया था। राज्य सरकार ने आनन-फानन में रिजर्व फोरेस्ट घोषित किया था, सिर्फ गजट नोटिफिकेशन होना बाकी था। 10 अगस्त की तारीख में यह आदेश जारी किया गया है।
कांग्रेस दे रही हमलावरों का साथ -दलित महिला सांसद रंजीता कोली पर हो रहे हमलों को लेकर कांग्रेस पार्टी हमलवारों के साथ क्यों खड़ी दिखाई देती है। ऐसा शायद पहली बार जिले के इतिहास में हो रहा है कि दलित सांसद पर हो रहे हमलों को लेकर कांग्रेस पार्टी अपनी नाकामी को छिपाने के लिए दलित सांसद पर झूठे आरोप लगाती है। कांग्रेस पार्टी हमलावरों को पकडऩे की बजाय उनके साथ खड़ी होती है। भरतपुर जिले में हो रहे अवैध खनन को रोकने की बजाय कांग्रेस पार्टी हमलवरों के मनोबल को बढ़ाने का काम करती है।
बृजेश अग्रवाल
जिला महामंत्री, भाजपा
एक दिन पहले तैयार हो गई थी स्क्रिप्ट सांसद पर हमले के ड्रामा की स्क्रिप्ट शनिवार को ही तैयार हो गई थी, लेकिन रविवार रात्रि को सिर्फ स्थान का परिवर्तन किया गया था। शनिवार को जो स्क्रिप्ट तैयार की गई थी। उसमें कस्बा के कोसी चौराहे पर सांसद का कार्यक्रम निर्धारित था। इसके लिए सांसद ने अपने समर्थकों को बयाना भरतपुर सहित पहाड़ी से बुलवा लिया था और सांसद के समर्थक कोसी चौराहे पर रविवार रात्रि नौ बजे बाद से ही मंडराने लग गए थे, लेकिन रविवार रात्रि को ऐन वक्त पर स्थान में परिवर्तन कर दिया गया। क्योंकि कस्बा के कोसी चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे।
जिला महामंत्री, भाजपा
एक दिन पहले तैयार हो गई थी स्क्रिप्ट सांसद पर हमले के ड्रामा की स्क्रिप्ट शनिवार को ही तैयार हो गई थी, लेकिन रविवार रात्रि को सिर्फ स्थान का परिवर्तन किया गया था। शनिवार को जो स्क्रिप्ट तैयार की गई थी। उसमें कस्बा के कोसी चौराहे पर सांसद का कार्यक्रम निर्धारित था। इसके लिए सांसद ने अपने समर्थकों को बयाना भरतपुर सहित पहाड़ी से बुलवा लिया था और सांसद के समर्थक कोसी चौराहे पर रविवार रात्रि नौ बजे बाद से ही मंडराने लग गए थे, लेकिन रविवार रात्रि को ऐन वक्त पर स्थान में परिवर्तन कर दिया गया। क्योंकि कस्बा के कोसी चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे।
जलीश खान, पूर्व प्रधान कामां