आरोपी का नाम बार-बार बदलने से छह लोगों की मौत का मामला और उलझ गया है। माना जा रहा है कि दुल्हन सुषमा के पुलिस में वरिष्ठ लिपिक होने की वजह से भरतपुर पुलिस इस मामले में आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। दूल्हे का परिवार भी खासा प्रभावशाली है। इसी वजह से पुलिस ने ड्राइविंग लाइसेंसधारी को इस मामले का आरोपी बनाया है।
पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी परशुराम मीणा 11 जुलाई की सुबह 5 बजे विवाह स्थल लक्ष्मी रिसोर्ट से पास के गांव चक धनवाड़ा अपनी भांजियों को लेने जा रहा था। तभी सामने से दौड़ते आ रहे युवकों को देख मनीराम घबरा गया और सड़क किनारे योग कर रहे छह जनों को कुचलते हुए गाड़ी लेकर भाग गया। कार का बम्पर मौके पर टूट कर गिर गया था। पुलिस ने गाड़ी की पहचान बम्पर पर लगे बार कोड से की थी। हादसे की खबर लगते ही अलवर जाकर कार सही कराने लगा ताकि घटना को छुपाया जा सके। दुल्हन सुषमा अलवर के एसपी कार्यालय में यूडीसी के पद पर कार्यरत है।
आरोपी ने कहा, आत्मग्लानि होने पर पुलिस को किया फोन
आरोपी परशुराम ने पूछताछ में बताया कि हादसे के बाद उसका अंदाजा था कि कुछ लोग घायल हुए हैं। लेकिन जब रिश्तेदारों ने बताया कि छह लोगों की जान चली गई है तो आत्मग्लानि होने पर उसने आम आदमी बनकर पुलिस नियंत्रण कक्ष को फोन किया था।
शवासन मुद्रा में थे हादसे में मरने वाले
कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मृतकों के परिजन से मुलाकात कर सांत्वना दी। दुर्घटनाग्रस्त कार को देख उन्होंने फोरेंसिक टीम से पूछा की कार के नीचे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है तो मृतकों के सिर व छाती पर ही सबसे ज्यादा चोट क्यों लगी? टीम ने बताया कि घटना के समय हादसे में मारे गए लोग सड़क के किनारे योग की शवासन मुद्रा में थे। इसलिए उनके सिर और छाती पर चोट अधिक लगी है।
इन सवालों का पुलिस के पास नहीं जवाब
. जब शादी मैरिज होम से हुई थी तो वह सुबह साढ़े पांच बजे गांव चक धनवाड़ा में किसे लेने जा रहा था। चूंकि गांव दूर है तो परिजन और रिश्तेदार तो रात को ही मैरिज होम आ गए होंगे?
. पुलिस ने घटना के वक्त गाड़ी में बैठे अन्य लोगों की अभी तक कोई जानकारी दस्तावेजों में दर्ज क्यों नहीं की?
. नई गाड़ी होने की वजह से उसका जीपीएस सिस्टम पुलिस के लिए पुख्ता सबूत उपलब्ध करा सकता है? अभी तक पुलिस ने उसके सम्पूर्ण डेटा को आइटी विशेषज्ञों से क्यों नहीं डाउनलोड कराया?
दुल्हन अलवर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक है, हादसे के बाद उसके मोबाइल नम्बर से कितने और किस-किसको फोन किए गए। इसकी जानकारी पुलिस ने अभी तक क्यों नहीं जुटाई? माना जा रहा है कि दुल्हन ने मामले में लाइसेंसधारी को आरोपी बनाने का दवाब अपने सम्पर्कों के बल पर भरतपुर पुलिस पर बनाया हो!
आरोपी दुल्हन के दूर के रिश्ते का मामा है। हो सकता है कि हादसे के वक्त उसने अधिक शराब पी रखी हो। अभी आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस उचित धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।
हैदर अली जैदी, पुलिस अधीक्षक भरतपुर