पुलिस पूछताछ में अरुण ने बताया कि सुरेशचंद के घर में घुसने से पहले उसने दरवाजा खटखटाया, कोई आवाज नहीं आने पर वह अंदर घुस गया। यहां मिथलेश मिली और उसने अंदर आने पर आपत्ति जताई और उससे बाहर जाने के लिए कहा। जिस पर अरुण ने उससे पानी मांगा, लेकिन मिथलेश ने उसे बाहर जाने का कहा। उसने वापस पानी की मांग की, जिस पर मिथलेश ने सख्त अंदाज में मना किया और उससे निकलने के लिए कहा। इस पर अरुण गुस्सा हो गया और उसका गला पकड़ लिया और उसे पकड़ कर अंदर के कमरे में ले गया। यहां पर उसने पेंट की जेब में पीछे की तरफ चाकू को निकाल कर हमला कर दिया, जिस पर वह नीचे गिर पड़ी। इसके बाद उसने अलमारी में से अंगूठी, मंगलसूत्र व नकदी निकाली। इसके बाद उसने मिथलेश को मरा देखा तो वह तुरंत बाहर निकाल कर भाग गया।