देशभर में हर छोटी से बड़ी दुकान पर डिजिटल भुगतान हो रहा है। इसमें एप स्केनर, कार्ड स्वेप करने, गूगल, पेटीएम एवं फोन-पे सहित बहुतेरे तरीकों से डिजिटल भुगतान किया जा रहा है, लेकिन देश-विदेश से घना की खूबसूरती एवं पर्यटकों की अठखेलियां देखने आने वाले पर्यटकों को यहां डिजिटल भुगतान सुविधा नहीं मिल रही है। यहां पहुंचने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों से सिर्फ नकद भुगतान ही लिया जा रहा है। ऐसे में खुल्ले पैसे देने की प्रक्रिया यहां सैलानियों के लिए गलफांस बन गई है। सबसे ज्यादा मुश्किल यूं आ रही है कि ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया नहीं होने के साथ यहां एटीएम की भी व्यवस्था नहीं है।
झगड़े की आ जाती है नौबत
घना में पीक सीजन दिसम्बर से फरवरी माह तक माना जाता है। इसमें भी 25 दिसम्बर (क्रिसमस) से लेकर थर्टी फस्र्ट और पहली जनवरी तक खासी भीड़ जुटती है। इन दिनों में एक दिन में दो से ढाई हजार पर्यटक यहां पहुंचते हैं। इसके लिए टिकट खिडक़ी पर लंबी लाइन लगती है। कई बार यह लाइन खिडक़ी से लेकर गेट तक आ जाती है। कतार लगने का मुख्य कारण ऑनलाइन भुगतान नहीं होना है। खिडक़ी पर तैनात कार्मिक हर पर्यटक से नकद और खुले पैसे मांगते हैं। टिकट की दर भी बेतुके से फिगर में है। ऐसे में पर्यटकों की परेशानी और बढ़ जाती है। खुले पैसे नहीं होने के कारण कई बार यहां वाद-विवाद की स्थिति बन जाती है। वजह, कार्मिक खुले पैसों के लिए दवाब बनाते हैं, जो अक्सर देशी-विदेशी पर्यटकों के पास नहीं होते हैं।
घना में टिकट
देशी पर्यटक – 126 रुपए
विदेशी पर्यटक- 761 रुपए
विद्यार्थी – 46 रुपए
करेंगे समाधान
जल्द समाधान कराया जाएगा। पर्यटक सुविधाजनक टिकट ले सकें। डिजिटल पेमेंट की सुविधा शुरू कराई जाएगी।
-नाहर ङ्क्षसह, डीएफओ, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान