फिलहाल 66 बच्चे आ रहे हैं। द्वार-द्वार पहुंच रहीं दीदी
डॉ. सोनिया ऐसे बच्चों का जीवन संवारने के लिए झोंपड़-पट्टियों तक पहुंचती हैं। बस्ती में पहुंचते ही बच्चे इनके पास आकर स्नेह से दीदी संबोधित करके इनके साथ चलने की जिद करते हैं। इनमें से डॉ. सोनिया ऐसे बच्चों का चयन करती हैं, जो पढ़ाई से दूर हैं और मजबूरन कचरा बीनने जाते हैं। वह ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य मंदिर लाकर उनका जीवन संवारने का काम करती हैं।
डॉ. सोनिया ऐसे बच्चों का जीवन संवारने के लिए झोंपड़-पट्टियों तक पहुंचती हैं। बस्ती में पहुंचते ही बच्चे इनके पास आकर स्नेह से दीदी संबोधित करके इनके साथ चलने की जिद करते हैं। इनमें से डॉ. सोनिया ऐसे बच्चों का चयन करती हैं, जो पढ़ाई से दूर हैं और मजबूरन कचरा बीनने जाते हैं। वह ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य मंदिर लाकर उनका जीवन संवारने का काम करती हैं।
दानदाताओं के सहयोग से चल रहा काम डॉ. सोनिया शर्मा बताती हैं कि बच्चों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए पौष्टिक भोजन दिया जाना जरूरी है। स्वास्थ्य मंदिर में दानदाताओं के सहयोग से बच्चों को भोजन सहित अन्य बुनियादी जरुरतें पूरी की जा रही हैं। वह बताती हैं कि कई लोग बच्चों के लिए अपना जन्मदिन मनाने अथवा अपने पूर्वजों की पुण्यतिथि मनाने पहुंचते हैं। इस दिन बच्चों को स्पेशल खाना दिया जाता है। प्रतिदिन बच्चों को दाल-रोटी, चावल एवं केला दिए जाते हैं।