scriptकोयले की राख से निर्मित ईंटों से हो रहा है बृज विश्वविद्यालय भवन का निर्माण, इसलिए खास हैं ये ईंट… | Construction of Brij University building is being by fly ash bricks | Patrika News
भरतपुर

कोयले की राख से निर्मित ईंटों से हो रहा है बृज विश्वविद्यालय भवन का निर्माण, इसलिए खास हैं ये ईंट…

भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के बैलारा के पास निर्माणाधीन भवन के लिए अभी दो माह का और इंतजार करना होगा। राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम(आरएसआरडीसी) की ओर से करीब साढ़े 12 करोड़ की लागत से प्रथम चरण के भवन का निर्माण कराया जा रहा है जो कि सम्भवत: अप्रेल में पूरा कर लिया जाएगा।

भरतपुरFeb 22, 2019 / 08:25 pm

shyamveer Singh

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भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के बैलारा के पास निर्माणाधीन भवन के लिए अभी दो माह का और इंतजार करना होगा। राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम(आरएसआरडीसी) की ओर से करीब साढ़े 12 करोड़ की लागत से प्रथम चरण के भवन का निर्माण कराया जा रहा है जो कि सम्भवत: अप्रेल में पूरा कर लिया जाएगा। फिलहाल विवि परिसर में प्रथम चरण में एकेडमिक ब्लॉक, गैस्ट हाउस व एग्जाम ब्लॉक का निर्माण कराया जा रहा है जो कि अंतिम चरण में है।

जानकारी के अनुसार विवि के नए भवन का निर्माण कार्य पूरा होने की तिथि 31 दिसम्बर 2012 थी। लेकिन बरसात के मौसम में विवि परिसर में पानी भर जाने व अन्य कारणों के चलते बीच-बीच में कार्य बाधित होता रहा। जिसके चलते अब यह भवन निर्माण अप्रेल 2019 में पूरा होने की सम्भावना है।

प्रथम चरण के भवन निर्माण पर खर्च होगा साढ़े 12 करोड़
आरएसआरडीसी के अधिकारियों की मानें तो प्रथम चरण के भवन निर्माण के लिए विवि प्रशासन को साढ़े 12 करोड़ की स्वीकृति मिली है। जिसमें से आरएसआरडीसी को अभी तक 6.65 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। प्रथम चरण में एकेडमिक ब्लॉक, एग्जाम ब्लॉक व गैस्ट हाउस और मुख्य द्वार का निर्माण कराया जा रहा है। आरएसआरडीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसएस मीना ने बताया कि एग्जाम ब्लॉक स्ट्रक्चर तैयार हो गया है और अभी फिनिशिंग चल रही है। सम्भवत: 15 दिन में प्लास्टर का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। एकेडमिक ब्लॉक का ग्राउंड फ्लोर का प्लास्टर हो गया, फस्र्ट फ्लोर का कार्य भी अंतिम चरण में है। डोम का कार्य भी जल्द पूरा हो जाएगा। गैस्ट हाउस के फस्र्ट फ्लोर का कार्य भी पूरा हो गया और सैकण्ड फ्लोर की छत का कार्य डालना बाकी है।

भवन को खार से बचाएगी ‘फ्लाई एश’ की ईंट
असल में भरतपुर जिले में भवनों में खार की समस्या बड़ी समस्या बनी हुई है। इससे बचने के लिए बृज विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में फ्लाई एश की ईंटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आरएसआरडीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसएस मीना ने बताया कि थर्मल पॉवर में बिजली उत्पादन के लिए काम में लिए जाने वाले कोयले की राख में चूना मिलाकर फ्लाई एश की ईंट का निर्माण किया जाता है। इस ईंट में कभी भी खार नहीं लगती। गौरतलब है कि खार की वजह से भवन की दीवारें कमजोर व खराब हो जाती हैं।

200 लाख से तैयार किया जा रहा मुख्य द्वार
बृज विवि के भवन को आकर्षक बनाने के लिए हैरिटेज लुक दिया जाएगा। इसके तहत मुख्य द्वार के निर्माण के लिए 230 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे जिसमें से विवि ने 200 लाख रुपए आरएसआरडीसी को दे दिए हैं। मुख्य द्वार व एकेडमिक ब्लॉक को आकर्षक बनाने के लिए भवन के ऊपर छतरियां लगाई जाएंगी। जिससे भवन को हैरिटेज लुक मिल सकेगा।
इसलिए हुई देरी
हालांकि पूर्व में भवन निर्माण की सम्भावित तिथि 31 दिसम्बर 2018 थी लेकिन बरसात के मौसम में विवि की भूमि में जलभराव हो गया था, जिसके चलते समय-समय पर कार्य प्रभावित रहा था। साथ ही अभी सीमेंट की उपलब्धता नहीं हो पाने की वजह से भी कार्य में थोड़ा समय लगने की सम्भावना है।
मार्च तक हस्तांतरित करने का लक्ष्य
भवन का निर्माण कार्य काफी हद तक पूरा हो गया है। हमने प्रथम चरण का निर्माण कार्य पूरा करने का कॉन्ट्रेक्टर को मार्च 2019 तक का लक्ष्य दिया है। सम्भवत: एक माह और लग जाए तो भी अप्रेल तक हम भवन विवि प्रशासन को हस्तांतरित कर देंगे।
– एसएस मीना, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, आरएसआरडीसी, भरतपुर।
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