राज्य सरकार ने गरीब परिवारों को समय पर गेहूं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महीने की पहली तारीख से पंद्रह तारीख तक राशन की दुकानों पर गेहूं का आवंटन करना निर्धारित कर रखा है। लेकिन जिले में लगभग 250 राशन की दुकानें ऐसी हैं जहां अभी तक गेहूं पहुंचा ही नहीं है। ऐसे में उपभोक्ता पखवाड़ा दिखावा साबित हो रहा है।
जिले में एक हजार से अधिक राशन की दुकानें हैं, जहां फरवरी में करीब 75 हजार क्विंटल गेहूं का आंवटन रसद विभाग को करना है। क्योंकि इन दुकानों से 68 हजार परिवार के 2.70 लाख लोग जुड़े हैं। लेकिन, आधा महीना निकलने के बाद भी तीस फीसदी दुकानों पर गेहूं नहीं पहुंचा है। इनमें भरतपुर शहर में करीब 20 दुकानें भी शामिल हैं। ऐसे में 50 हजार उपभोक्ता गेहूं आने की जानकारी कर लौट रहे हैं।
जिले में 75 हजार क्विंटल गेहूं का वितरण होना है। इसमें से एफसीआई ने करीब 35 हजार क्विंटल गेहूं राशन डीलरों तक पहुंचाया है। शेष को परिवहन सुविधा के अनुरूप पहुंचाया जा रहा है। क्योंकि, दुकानें गलियों में और वहां गेहूं से भरे वाहनों को पहुंचने में परेशानी आती है। प्रतिदिन करीब 5 हजार क्विंटल गेहूं पहुंचाया जा रहा है।
भरतपुर में जिला रसद अधिकारी बनवारी लाल मीणा का कहना है कि उचित मूल्य की दुकानों पर गेहूं का आवंटन जारी है, जो दुकानें रह गई हैं उन पर शीघ्र ही गेहूं पहुंचाया जाएगा। वैसे भी उपभोक्ता पखवाड़ा के तहत पूरे माह गेहूं का वितरण होगा।