दो बच्चों को पढ़ाएगा स्वास्थ्य मंदिर मुरली चित्रलोक के पास रहने वाली तूफानी नगला निवासी गुडिय़ा एवं उसके तीन भाइयों के पिता का कैंसर की बीमारी के चलते निधन हो गया। वहीं मां कोरोना के चलते दुनिया छोड़ गईं। इसके बाद अनाथ हुए बच्चों का कोई सहारा नहीं रहा। ऐसे में बच्चे मदद के लिए इधर-उधर झांक रहे थे। मदद के लिए बालिका गुडिया बुधवार को स्वास्थ्य मंदिर पहुंची थी। इसके बाद पत्रिका ने गुडिया की पीड़ा को उजागर किया। अब स्वास्थ्य मंदिर ने दो बच्चों को गोद लिया है, जबकि दो बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी कृष्ण कुमार अग्रवाल ने ली है। स्वास्थ्य मंदिर के संचालक डॉ. वीरेन्द्र कुमार अग्रवाल बताते हैं कि संस्था ने दो बच्चों को गोद ले लिया है। साथ ही संस्थान में पढऩे आने वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए गुडिय़ा को प्रेरित किया है। ऐसे में संस्थान की ओर से मिलने वाली राशि से गुडिय़ा अपने भाइयों की जरूरत को पूरा कर सकेगी। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि बच्चों को पालनहार योजना का लाभ दिलाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भी घर पहुंचे इसी प्रकार बाल कल्याण समिति अध्यक्ष गंगाराम पाराशर एवं सदस्य मदन मोहन शर्मा बच्चों से मिलने पहुंचे। बड़ी बच्ची 12वीं क्लास में पढ़ती है, बकि उसका छोटा भाई 15 साल का है, जो आठवीं पास करके घर बैठ गया है। दूसरा भाई चौथी क्लास में एवं छोटा भाई दूसरी क्लास में पढ़ रहा है। पाराशर ने बाल अधिकारिता विभाग को बच्चों के लिए राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना में बिना बिलम्ब जोड़कर आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए। इस संबंध में जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता को भी मदद करने के लिए पत्र लिखा। इस पर कलक्टर ने मदद का भरोसा दिलाया। अध्यक्ष ने बताया कि कई मदद करने वालों के फोन समिति के पास आ रहे हैं, जो इन बच्चों का खर्चा उठाने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर दिनेश चंद आदि मौजूद रहे।
पत्रिका को दिया साधुवाद स्वास्थ्य मंदिर के डॉ. वीरेन्द्र अग्रवाल के साथ बालिका गुडिया ने इस पहल के लिए पत्रिका का साधुवाद किया है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि खबर प्रकाशन के बाद बहुतेरे दानदाता बच्चों की मदद के लिए सामने आए हैं। इससे बेसहारा बच्चों का लालन-पालन बेहतर तरीके से हो सकेगा।