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भरतपुर

आरओ पर बिजली कनेक्शन ने दिया ग्रामीणों को पानी

भरतपुर. अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में मीठे पानी की किल्लत नए स्थापित आरओ प्लांटों पर बिजली कनेक्शन होने से कम हो जाएगी।

भरतपुरJul 16, 2019 / 10:51 pm

pramod verma

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भरतपुर. अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में मीठे पानी की किल्लत नए स्थापित आरओ प्लांटों पर बिजली कनेक्शन होने से कम हो जाएगी। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने विद्युत निगम से सामंजस्य बैठाकर अंडर टेकिंग नियम के तहत जिले में 147 आरओ प्लांटों पर बिजली कनेक्शन ले लिए हैं।
इनमें से लगभग एक सौ प्लांटों को सुचारू कर लोगों की मीठे पानी की सुविधा दी गई है। गौरतलब है कि बजट के अभाव में डिमांड राशि जमा नहीं के कारण नए प्लांटों को विद्युत कनेक्शन नहीं मिल रहे थे। ऐसे में लोगों को पानी खरीदना पड़ रहा था। इसका कारण भू-जल में टीडीएस की मात्रा अधिक होने से यहां का पानी पीने योग्य नहीं था। इसलिए लोग परेशान थे।
इस स्थिति को देखते हुए पूर्व सरकार ने जिले में वर्ष 2018-19 में 406 आरओ प्लांटों को लगाने की स्वीकृति दी। विभाग ने 20 से 22 लाख रुपए की लागत से धीरे-धीरे प्लांट तैयार कराए, लेकिन बजट के अभाव में डिमांड राशि जमा नहीं होने से कनेक्शन नहीं मिल पा रहे थे।
इसके बाद सरकार के निर्देश व जिला प्रशासन के सहयोग से विद्युत निगम ने अंडर टेकिंग नियम के तहत प्लांटों पर कनेक्शन देना शुरू कर दिया। अब नए स्थापित 147 प्लांटों पर निगम ने कनेक्शन दे दिए है। इनमें से एक सौ (100) प्लांट चालू होकर लोगों को मीठे पानी की सुविधा दे रहे हैं। वहीं 259 प्लांटों पर कार्य प्रगति पर है। इससे पानी को मोहताज ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की परेशानी कम होगी।
जिले में अधिकांश क्षेत्रों में खारे पानी की समस्या है। वहीं कई स्थानों पर पेयजल लाइन की व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में लोगों को खारा पानी पीने पर मजबूर होना पड़ता है। इस स्थिति से निपटने और लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में प्रथम फेज में 249, द्वितीय फेज में 261 और तीसरे फेज में 63 आरओ प्लांट लगाए गए। ये सभी वर्ष 2014 से 2017 तक लगाए, जो संचालित हैं। इसके बाद वर्ष 2018-19 में 406 आरओ प्लांट लगाने की स्वीकृति मिली।
जिले में करीब 26 लाख की जनसंख्या है, जिसमें से 1430 गांव में लगभग 15 लाख लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें से करीब 52 हजार घरों में नल कनेक्शन हैं यानि विभाग की पानी की सेवा से जुड़े हैं। गौरतलब है कि जहां, पानी में टीडीएस की मात्रा 1500 से अधिक है और पाइप लाइन नहीं है।
वहां के लोगों की सुविधा के लिए आरओ स्थापित किए हैं। फिर भी लोग मीठे पानी की सुविधा से दूर हैं। यह स्थिति डीग, नगर, कामां, पहाड़ी आदि क्षेत्रों में देखी जा सकती है। लोग आज भी टैंकरों का पानी पीने को मजबूर हैं। इनकी सुविधा के लिए आरओ स्थापित कराए जा रहे हैं।
पीएचईडी भरतपुर में एसई उत्तमसिंह का कहना है कि जिले में नए आरओ प्लांटों पर बिजली कनेक्शन हो गए हैं। यह राज्य सरकार व जिला प्रशासन के सहयोग से निगम की अंडर टेकिंग प्रक्रिया के तहत किए गए हैं। जैसे-जैसे बजट आएगा विभाग डिमांड राशि जमा कराता रहेगा।
जेवीवीएनएल भरतपुर में एसई मूलचंद चौधरी का कहना है कि विद्युत निगम अब अंडर टेकिंग प्रक्रिया के तहत जिले में पीएचईडी के नए विकसित आरओ प्लांटों को बिजली कनेक्शन दे रहा है। ये बजट के अनुरूप डिमांड राशि दे रहे हैं और निगम कनेक्शन कर रहा है। यह प्रक्रिया चलती रहेगी।

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