इनमें से 65 फीसदी किसानों ने मूल खसरा गिरदावरी (पी-35) की नकल के बिना ही पंजीयन कराया है जो सरसों बेचने पर अमान्य होगा। ऐसे में बिना गिरदावरी के पंजीयन कराने वाले किसानों से क्रय-विक्रय केंद्रों पर सरसों की खरीद नहीं की जाएगी। यह जानकार भी किसान वर्ग धड़ल्ले से पंजीयन करा रहा है।
राजफैड के माध्यम से सरसों खरीद के लिए संभाग में 41 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें जिले के 12 केंद्र भी शामिल हैं, जहां तहसीलों में सहकारी क्रय-विक्रय व ग्राम सेवा सहकारी समिति और भरतपुर में क्रय-विक्रय व फल-सब्जी मंडी में 4200 रुपए समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद एक अप्रेल से की जाएगी। इसके तहत संभाग में अब तक 69058 किसानों के पंजीयन हो चुके हैं। इसके लिए क्षेत्रीय राजफैड को संभाग से 01 लाख 22 हजार 214 किसानों के पंजीयन का लक्ष्य दिया है।
इसमें भरतपुर जिले के 31204 किसानों के पंजीयन का लक्ष्य भी शामिल है। इसके लिए जिले में तहसील स्तर पर लक्ष्य आवंटित किया है। केंद्रों पर उन पंजीकृत किसानों से सरसों खरीदी जाएगी, जिन्होंने खसरा गिरदावरी की नकल पंजीयन कराते समय लगाई है।वैसे पंजीयन के बाद प्रति किसान 4200 रुपए क्विंटल समर्थन मूल्य 25 क्विंटल तक सरसों खरीदने का लक्ष्य है।
इस हिसाब से संभाग से 30 लाख 55 हजार 350 क्विंटल सरसों खरीदी जानी है, जिसमें भरतपुर जिले से 31204 पंजीयन वाले किसानों से 07 लाख 100 क्विंटल सरसों की खरीद करने का लक्ष्य शामिल है। इस बार सरकार के निर्देश पर समर्थन मूल्य पर फसल खरीद में टोकन का उपयोग नहीं होगा। ई-मित्र पर पंजीयन के बाद किसान के मोबाइल पर केंद्र का नाम, स्थान, तारीख के साथ समय की सूचना मिलेगी।
उस निर्धारित दिवस में किसान फसल का बेचान कर सकेगा। खरीद एक अप्रेल से तीस जून तक होगी। क्षेत्रीय अधिकारी राजफैड भरतपुर उमेशचंद का कहना है कि जिले में अब तक नौ हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करा दिया है। करीब 65 फीसदी किसान बिना खसरा गिरदावरी (पी-35) की नकल के पंजीयन करा रहे हैं। बिना गिरदावरी की नकल के सरसों की खरीद नहीं होगी।