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भरतपुर

सच से छोड़छाड़ : निर्माता के खिलाफ दो एफआइआर, पूर्व राजपरिवार ने भी आपत्ति जताई

पूर्व महाराजा सूरजमल को लेकर टीवी धारावाहिक में गलत तथ्य दिखाए- इतिहासकार बोले, महाराजा सूरजमल ने की थी मराठा शासकों की मदद

भरतपुरNov 26, 2022 / 05:13 pm

Meghshyam Parashar

सच से छोड़छाड़ : निर्माता के खिलाफ दो एफआइआर, पूर्व राजपरिवार ने भी आपत्ति जताई

सच से छोड़छाड़ : निर्माता के खिलाफ दो एफआइआर, पूर्व राजपरिवार ने भी आपत्ति जताई

भरतपुर. तीन साल पहले बॉलीवुड फिल्म पानीपत से शुरू हुआ विवाद अब एक टीवी धारावाहिक तक आ पहुंचा है। धारावाहिक में खांडेराव होल्कर से पूर्व महाराजा सूरजमल को युद्ध में हारना बताया है। वहीं, इतिहासकारों का दावा है कि पूर्व महाराजा सूरजमल कभी युद्ध नहीं हारे। बल्कि खांडेराव होल्कर की मौत उनके साथ युद्ध में हुई थी। इसको लेकर रूपवास व कुम्हेर थाने में दो अलग-अलग एफआइआर भी दर्ज कराई गई हैं।
अहिल्याबाई धारावाहिक के 17 नवंबर 2022 के एपिसोड में पात्र खांडेराव होल्कर की ओर से पूर्व महाराजा सूरजमल के खिलाफ गलत टिप्पणी करते हुए व खांडेराव की ओर से युद्ध में हारना बताया गया है। इसको लेकर करीब एक दर्जन से अधिक संगठनों ने विरोध भी जताया है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी धारावाहिक निर्माता से माफी मांगने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। अब 26 नवंबर को भरतपुर दौरे पर आ रहे राज्यपाल के सामने भी यह प्रकरण उठाने का निर्णय लिया गया है।
यहां हुई एफआइआर
– कुम्हेर थाने में साहब सिंह, सोमवीर सिंह एवं प्रमोद कुमार एडवोकेट ने दर्ज कराए मामले में बताया है कि एक चैनल पर प्रसारित इस धारावाहिक के निर्देशक जैक्सन सेठी निर्माता निनाद वैध और नितिन वैध ने पूर्व महाराजा सूरजमल की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है।
– रूपवास थाने में क्षेत्र के गांव पुरा निवासी अजीत सिंह पुत्र हुकम सिंह ने मामला दर्ज कराया कि सोनी टीवी सीरियल के निर्देशक निर्माता व कलाकारों ने पुण्य श्लोक अहिल्याबाई में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर महाराजा सूरजमल के चरित्र को उनके स्वभाव व वास्तविकता के विपरीत खलनायक की छवि के रूप में दर्शाया है। इससे महाराजा सूरजमल की छवि धूमिल हुई हे। साथ ही आम लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंची है।
कुम्हेर में आज भी खांडेराव होल्कर की छतरी

वरिष्ठ इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने बताया कि मराठों की सेना मई 1754 ईस्वी में महाराजा मल्हार राव होल्कर के पुत्र खांडेराव के नेतृत्व में जयपुर पहुंची। जहां राजा माधोसिंह से कर मांगा। इसके बाद सफदरगंज दिल्ली जाते समय भरतपुर पहुंचे तो महाराजा सूरजमल से दो करोड़ रुपए मांगे। महाराजा सूरजमल ने कर देने से इंकार कर दिया तो खांडेराव ने सेना के साथ कुम्हेर किले को घेर लिया। फसल नष्ट कर दी गई। पूर्व महाराजा सूरजमल ने सैनिकों के साथ मुकाबला किया। कुम्हेर किले को घेरे चार महीने हो चुके थे, लेकिन मराठा और होल्करों को उत्साजनक परिणाम नहीं मिला और वे थककर चूर हो गए। इस युद्ध में खांडेराव होल्कर तोप के गोले से मारा गया। उनकी नौ पत्नियां चिता जलकर में सती हो गई। रानी अहिल्या बाई गर्भवती होने के कारण जीवित रही। खांडेराव होल्कर की मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए पूर्व महाराजा सूरजमल ने काले वस्त्र भेजे। गांगरसौली में मंदिर व छतरी बनवाई। जो कि आज भी स्थित है। 1757 में पहला पानीपत का युद्ध हुआ था। 1761 में पानीपत का दूसरा युद्ध हुआ, इसमें मराठा हारकर आए थे। इस युद्ध के दौरान मराठा शासक भाऊ को पूर्व महाराजा सूरजमल ने डीग, कुम्हेर व भरतपुर के किले में रखकर शरण दी। घायलों का उपचार कराया। इस पर महाराजा सूरजमल का 30 लाख रुपए खर्च हुए। नर्मदा नदी पार कराकर सुरक्षित निकाला।
2019 में भी हो चुका विवाद

नवंबर 2019 में भी बॉलीवुड फिल्म पानीपत में गलत तथ्य प्रस्तुत करने पर विवाद हुआ था। इसको लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय नेताओं की ओर से विरोध दर्ज कराया गया था। फिल्म निर्माता की ओर से जवाब देने व विवादित सीन हटाने के आश्वासन पर मामला शांत हुआ था। इसमें भी पूर्व महाराजा सूरजमल को लेकर गलत तथ्य दिखाए गए थे।
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