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भरतपुर

इंदिरा रसोई योजना में लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा…

-नगर निगम आयुक्त ने नीम द गेट पर संचालित इंदिरा रसोई का अनुबंध किया निरस्त, जिले के सभी 16 इंदिरा रसाइयों की डाटा के आधार पर होगी सघन जांच, शहर में पांचों रसाइयों पर नगर निगम लगाएगी सीसीटीवी कैमरा

भरतपुरMar 04, 2021 / 06:12 pm

Meghshyam Parashar

इंदिरा रसोई योजना में लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा...

इंदिरा रसोई योजना में लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा…

भरतपुर. शहर में अधिकारियों की नाक के नीचे इंदिरा रसोई योजना के तहत बी-नारायण गेट पर संचालित रसोई में फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का घोटाला किया गया। अब तक जिम्मेदार अधिकारियों को इस फर्जीवाड़े का मालूम ही नहीं चला। जब नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेश गोयल ने निरीक्षण के दौरान कुछ साक्ष्य मिलने के बाद जांच कराई तो मामला फर्जीवाड़े का निकला। अब संबंधित संस्था के अनुबंध को निरस्त कर दिया गया है। साथ ही शहर की पांचों इंदिरा रसाइयों पर अब नगर निगम खुद के खर्च पर सीसीटीवी कैमरे लगाएगी। ताकि फर्जीवाड़ा बंद कराया जा सके। इसके अलावा शहर समेत जिलेभर में इंदिरा रसाइयों की जांच कराई जाएगी।
जानकारी के अनुसार अगस्त 2020 में राज्य सरकार की ओर से शहर में पांच स्थान व प्रत्येक नगरपालिका में एक-एक इंदिरा रसोई की स्थापना की गई थी। इसमें सुबह भरतपुर शहर में सुबह 300 व शाम को 300 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई। आवश्यकता के अनुसार थाली बढ़ाने का भी प्रावधान किया गया। जबकि नगरपालिका क्षेत्र में भी दोनों समय 300 थाली आवश्यकता अनुसार तय की गई। नगर निगम क्षेत्र में संचालित होने वाली पांच रसोईघर आरबीएम जिला चिकित्सालय परिसर, जनाना अस्पताल, रेलवे स्टेशन, हीरादास बस स्टैण्ड, बीनारायण गेट पर संचालित की जा रही है। इस इंदिरा रसोई योजना में आठ रुपए ग्राहक के माध्यम से तथा 12 रुपए प्रति थाली राज्य सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। जीएसटी भी राज्य सरकार की ओर से वहन की जाती है।
ऐसे पकड़ में आया फर्जीवाड़ा

नीम द गेट पर रसोई संचालन का जिम्मा रिया महिला बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति को दिया गया था। 18 फरवरी को इस रसोई में 1162 लोगों को खाना खिला दिया। 864 सुबह व 298 को शाम को खाना खिलाना बताया गया। डाटा के आधार पर 976 लोगों के मोबाइल नंबर ही फीड नहीं किए। 138 ऐसे लोग थे जिनको एक ही समय में दो-दो कूपन दे दिए। तीसरी बात ये है कि एक फोटो को अलग-अलग नामों से कितनी ही बार फीड कर दिया गया। फर्जी कूपन काटने के चक्कर में नाम भी गलत लिखे गए। किसी कूपन की फीडिंग में नाम आरएसबीएसए, एआरएसजेजे किसी में गणेश तो किसी में विक्रम नाम लिखकर एक ही फोटो का उपयोग किया गया।

-संबंधित संस्था का अनुबंध निरस्त कर दिया है। जिला कलक्टर के निर्देशित में गठित समिति के सामने यह मामला रखा था। वहां से निरस्त करने का आदेश मिल गया है। सभी रसोइयों पर नगर निगम खुद के खर्च पर सीसीटीवी कैमरे लगवाएगी। बाकी निकायों में जांच के लिए समिति ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अगर किसी के पास भी इस तरह के मामले सामने आते हैं तो वह शिकायत कर सकता है।
डॉ. राजेश गोयल
आयुक्त नगर निगम

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