इस कदर हावी है रसूख का दबाव गत दिनों गाधानेर के प्रतिबंधित चारागाह पहाड़ में खनन माफियाओं ने अवैध विस्फोट करके खनन को अंजाम दिया था। इससे गांव थर्रा उठा था। आसपास के मकानों मे दरारें आ गई थी। इसकी रिपोर्ट पहाड़ी थाने में खनिज विभाग की ओर से कराई गई। वहीं इसको लेकर पहाड़ी थाने के एक पुलिस कर्मी से खनन माफियाओं ने कहासुनी तक कर दी थी। इसकी शिकायत कर उसका चौथी बार तबादला पहाड़ी थाने से भी करा दिया गया। खनन माफिया आला नेताओं के इशारे पर शिकायत कर तबादला करा देते है। इससे खनन माफियाओं के हौंसले परवान पर है। धोलेट, नांगल, छपरा, विजासना, गंगोरा, मंूगसका, कैथवाड़ा, जुरहरा, कामां, खोह क्षेत्र में अवैध खनन होता है। अवैध खनन रोकने के मकसद से आरएएसी कम्पनी, होमगार्ड, चौकियां लगाई गई, जो दिखावा बनकर रह गई हैं। वहीं थानों पर पर्याप्त स्टाफ की कमी, ट्रांसफर शुदा कर्मियों की रवानगी नहीं होना, चौकी पर स्टाफ नहीं होने से खाकी का खौफ खत्म हो चुका है। या अपराधियों के हौंसले बुलन्द हैं।
यहां ओवरलोड के लिए यूनियन के कूपन का खेल, आपस में ही भिड़े
ओवरलोड खनिज सामग्री के परिवहन को लेकर कुछ ट्रक चालक व ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारियों के बीच झगड़ा तक हो गया। पुलिस की ओर से उक्त 18 फरवरी को इस प्रकरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी छिपाया जाता रहा। क्योंकि मामला ट्रांसपोर्ट यूनियन के सात हजार रुपए के टोकन से जुड़ा हुआ था। अमरजीत पुत्र करनसिंह निवासी सुरवारी थाना छाता जिला मथुरा ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया है कि उसकी चार गाडिय़ां पहाड़ी से मथुरा तक अंडरलोड माल लेकर जाती है। अंगरावली पेट्रोल पंप के पास ट्रक यूनियन व उनके 10-15 लोगों ने गाडिय़ों को रोका व चालकों के साथ मारपीट कर नकदी छुड़ाकर ले गए। गाडिय़ों को मौके पर ही खाली कर दिया। इसमें 15 हजार रुपए थे व चालकों के पास तीन हजार व 3500 रुपए भी लूटकर ले गए। यूनियन वालों का कहना था कि या तो ट्रक यूनियन से सात हजार रुपए का टोकन खरीदें तभी गाड़ी चला सकते हो। ट्रक यूनियन से ओवरलोड वाहन चलाने के लिए टोकन खरीदने से मना कर दिया। इसी को लेकर चालकों के साथ 15 दिन में हर चक्कर पर इस तरह की वारदात हो रही है।