scriptक्योंकि पुलिस अवैध खनन का मुकदर्म दर्ज कर भुला देती है… | Illegal mining case gets forgotten by filing ... | Patrika News
भरतपुर

क्योंकि पुलिस अवैध खनन का मुकदर्म दर्ज कर भुला देती है…

-यहां चलता है रसूखदारों का दबाव

भरतपुरAug 10, 2020 / 06:37 pm

Meghshyam Parashar

क्योंकि पुलिस अवैध खनन का मुकदर्म दर्ज कर भुला देती है...

क्योंकि पुलिस अवैध खनन का मुकदर्म दर्ज कर भुला देती है…

भरतपुर/पहाड़ी. थाने के गांव गंगौरा में तीन दिन पूर्व ढही खान अब अवैध होने का दावा किया गया है। पहले तो इस मामले में खानापूर्ति का खेल चलता रहा, लेकिन मामला उजागर होने के बाद उसे अवैध खान बताया गया है। साथ ही खनिज विभाग की ओर से अब पत्थर चोरी को लेकर रिपोर्ट बनाई जाएगी, उसके बाद जुर्माना वसूला जाएगा। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने सात अगस्त के अंक में खान ढहने की भन तक खनिज विभाग को नहीं लगी शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। उसके बाद दूसरे दिन खनिज विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की लेकिन देर शाम तक खनिज विभाग भी यह साफ नहीं कर सका था कि ढही खान वैध है या अवैध है। क्योंकि खनन माफियाओं ने प्रशासन को गुमराह करने के लिए पोकलेन को निकाल कर दूसरे स्थान पर शिफट कर अवैध खनन को छिपाने का असफल प्रयास किया़। इसके बाद मामला प्रकाशित होने पर खनिज विभाग के अधिकारियों ने सच बोला है। खनिज विभाग अब तक खान से चोरी गए पत्थरों की रिपोर्ट दर्ज करता था, लेकिन अब पुलिस की कार्रवाई से भरोसा उठ गया है क्योंकि पुलिस पूर्व में दर्ज मुकदमों में रसूखदारों के दबाव में खनन माफियाओं के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाही नहीं कर सकी है। इसलिए खनिज विभाग ने रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय नोटिस देकर चोरी गए माल की वसूली करने का निर्णय लिया है।
पुलिस से उठा भरोसा…मतलब खाकी के अंदर छिपी है दबाव की कहानी

पिछले चार साल के आंकड़ों और केसों पर नजर डालें तो सामने आता है कि अवैध खनन व राज्य सरकार को राजस्व का चूना लगाने वालों को आश्रय देने में संबंधित हर विभाग दोषी रहा है। जहां खनिज विभाग की ओर से थाने में मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई में इतिश्री की जाती रही है तो वहीं दूसरी ओर पुलिस की ओर से एकाध मुकदमे में गिरफ्तारी कर खानापूर्ति कर ली जाती है। ताजा मामलों पर देखा जाए खुद खनिज विभाग के अधिकारी भी दावा कर चुके हैं कि पिछले तीन मुकदमों में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं खाकी के अंदर भी रसूखदारों के दबाव की कहानी छिपी हुई है। इसलिए खननमाफियाओं के कार्रवाई में पुलिस पर दबाव बरकरार बना रहता है। पूर्व में पुलिस व खनिज विभाग के बीच ऐसी कार्रवाई को लेकर विवाद भी होते रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान अवैध खनन के एक मामले में विवाद के बाद जिला कलक्टर व एसपी के पास भी एक अधिकारी ने शिकायत की थी, परंतु हमेशा की तरह रसूख के दबाव में मामला रफा-दफा हो गया।
नांगल क्रशर जोन में दबंगों का दाव ऐसा…रास्ते पर विवाद जस का जस

पहाड़ी के नांगल क्रशर जोन से आने वाले सरकारी रास्ते को धौलेट गांव में पिछले दिनों को दबंगों ने काट दिया था। पत्थर डालकर रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था। इससे डंपर, ट्रेक्टरों का आवागमन बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक यह विवाद भी रसूख के दबाव में सुलझ नहीं सका है। इस मामले में क्रशर संचालकों ने बताया है कि रास्ते के नाम पर हो अवैध वसूली की शिकायत आईजी से की गई थी। शिकायत के बाद अवैध वसूली रुक गई है उसको लेकर दबंग रसूखदारों की ओर से दबाव बनाने के लिए रास्ते को काटा गया है। इसमें रास्ता बनाने के लिए भी क्रशर संचालकों में भय बनाने की कोशिश की जा रही है। जब इस प्रकरण को लेकर अधिकारियों से बात की तो ज्यादातर ने पल्ला झाड़ लिया।
-गंगोरा मे ढही खान पूर्व में निरस्त होने के बाद खनिज विभाग के अधीन है इसमें चोरी से अवैध खनन किया जा रहा था। खान ढहने के बाद जांच की गई जो अवैध पाई गई। नाम साफ होने के बाद नोटिस जारी कर वसूली करेंगे। पूर्व में पुलिस में तीन मुकदमे दर्ज कराए गए। उनमें कुछ नहीं हुआ है।
तेजपाल गुप्ता खनिज अभियंता भरतुपर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो