हालांकि, मौसम की मार और गर्मी से बेहाल ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को व्यवस्था सही होने तक करीब दो दिन बिना बिजली के परेशानी में काटने पड़े। हालांकि, इससे निगम को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है लेकिन अब कुछ ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़कर अन्य स्थानों पर 18 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है।
गौरतलब है कि जिले में 16 मई को 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आए अंधड़ ने 112 विद्युत खंभों और 17 मई को 30 किमी की गति से चली हवा ने 28 खंभों के साथ बिजली की लाइनों को धराशायी कर दिया था। इससे विद्युत आपूर्ति ध्वस्त हो गई थी। यह स्थिति सबसे अधिक नदबई, बयाना, छौंकरवाड़ा, पहाड़ी और नगर में रही।
इनमें से नगर व पहाड़ी क्षेत्र में अब भी निगम कर्मचारी बिजली व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास कर धीरे-धीरे बिजली को सुचारू कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अंधड़ से गड़बड़ाई बिजली व्यवस्था जिले में लगभग सब जगह सुचारू कर दी है। अब यहां 18 से 20 घंटे बिजली दी जा रही है।
एक विद्युत खंभे पर करीब छह हजार रुपए का खर्च आता है। इस हिसाब से निगम को लगभग साढ़े आठ लाख रुपए के नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ा है। तब जाकर 18 मई को दोपहर में लोगों के घरों पर बिजली पहुंची। ऐसे में अंधड़ आने के दिन से बिजली व्यवस्था सही होने तक लोगों को दो दिन तक परेशानी का सामना करना पड़ा।
जेवीवीएनएल भरतपुर में एक्सईएन संजय अग्रवाल ने बताया कि दो दिन आए अंधड़ से काफी संख्या में खंभे गिरे थे। टूटे खंभों को व्यवस्थित करने में 24 घंटे लगते हैं। अब जिले में लगभग सब जगह बिजली सुचारू है। निगम अब 18 से 20 घंटे बिजली दे रहा है।
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