शहीद पिता के पार्थिव देह को मुखाग्नि उसके छह माह के पुत्र रिवान ने दी। शहीद का शव गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने महेन्द्र सिंह अमर रहे के जयकारे लगाए। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण व अधिकारी पहुंचे। इस मौके पर बीएसएफ व थाना पुलिस की ओर से शहीद को गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया गया। अंतिम सलामी के रूप में कई राउण्ड फायरिंग की।
गौरतलब है कि बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर महेन्द्रसिंह छत्तीसगढ़ में रविवार को हुए एक नक्सली हमले में घायल हो गए थे जिसके बाद उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। महेन्द्र के शहीद होने की सूचना पर पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। वहीं शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। शहीद जवान के एक छह माह का पुत्र है। वह अपने पत्नी और छोटे भाई बहनों के साथ जयपुर में ही रहता था।