लापरवाही इन तीन स्तरों पर हुई 1. सीवरेज की प्रथम चरण की डीपीआर बनाई गई थी, इसमें करौली, गंगापुर सिटी भी शामिल थे। जिस कंपनी ने डीपीआर बनाई थी, उसने भरतपुर शहर की जमीन पथरीली बताई। जबकि यहां का पानी का लेवल काफी ऊंचा है।
2. डीपीआर कोई और व पीएमसी आरयूआईडीपी ने बनाई, इसलिए दोनों की रिपोर्ट के बीच सामंजस्य नहीं था। आरयूआईडीपी ने यहां पर ऑफिस ही बंद कर दिया था। गारंटी पीएमसी की होती है। ठेका कंपनी की जांच व कार्य का जिम्मा संभालना होता है।
3. प्रथम चरण में हुई लापरवाही के कारण शहर के अंदर किसी जगह लाइन का लेवल सही नहीं है तो कहीं लाइन ही नहीं डाली गई है। 4. दो फेज में करीब 61 प्रतिशब आबादी कवर हो चुकी है। अब चतुर्थ फेज स्वीकृत है। राज्यमंत्री के दखल के बाद समस्याएं आने पर 1300 प्रतिशत राशि तक बढ़वाई गई है। अब नगर निगम व यूआईटी के इंजीनियर जांच के बाद चतुर्थ फेज की स्वीकृति देंगे।
प्रोजेक्ट पर एक नजर प्रथम चरण: गांव नोंह स्थित ट्रीटमेंट प्लांट तक प्रथम चरण में वर्ष 2006 में आरयूआईडीपी ने शहर के आतंरिक क्षेत्र व सरकूलर रोड पर 74.36 किलोमीटर का कार्य प्लांट तक 46.31 करोड़ रुपए व द्वितीय चरण में नगर निगम ने वर्ष 2017 में मार्च माह से 105.48 करोड़ रुपए के बजट से शहर के बाहरी क्षेत्र में सीवरेज का कार्य प्रारंभ किया था। हालांकि आरयूआईडीपी ने 38.23 करोड़ रुपए में 31 मार्च 2019 को कार्य पूरा कर निगम को एनओसी व बजट देकर इतिश्री कर ली। वहीं निगम का सरकूलर रोड के बाहरी क्षेत्र में 116.33 किलोमीटर में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य एलएंडटी कंपनी की ओर से जारी है, जो मार्च 2017 में शुरू किया गया। इसे 27 दिसम्बर 2019 को पूरा करना था लेकिन इसकी तिथि बढ़ाकर 27 जून 2020 तक कर दी है। अब फिर से नई तारीख ली गई है। प्रथम चरण में आरयूआईडीपी ने 74.36 किमी में सीवरेज लाइन डालने व 2215 मैन हॉल का निर्माण प्रस्तावित था। इसमें से 74.16 किमी लाइन डाली गई, लेकिन बीनारायण गेट से सिरकी वाले हनुमान मंदिर तक ट्रेंचलैस सीवर लाइन का 200 मीटर लंबाई का कार्य अधूरा छोड़ दिया। बताया गया है कि इसे किसी विभाग से स्वीकृति लेकर पूर्ण करना था। इसके अतिरिक्त 99 प्रतिशत कार्य पूरा करना बताया गया। लेकिन, प्रथम चरण की ही स्थिति देखें तो अब भी कार्य अधूरा नजर आता है।
द्वितीय चरण: मार्च 2019 के बाद सरकूलर रोड के बाहरी क्षेत्रों में सीवरेज कार्य की जिम्मेदारी नगर निगम पर आई। इसके लिए 105.48 करोड़ का बजट प्रस्तावित था। इसमें 79.66 करोड़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण व सीवरेज लाइन शामिल है। वहीं 11.99 करोड़ में हाउस सीवर कनेक्शन व 1.59 करोड़ में बिजली, टेलीफोन, पाइप लाइन आदि डैमेज होने पर मरम्मत कार्य पर खर्च करना है। बताया गया है कि निगम ने एलएंडटी कंपनी से 116.33 किमी में से काफी हद तक लाइन डलवा ली है। वहीं 2865 से अधिक मैन हॉल भी बनवाए हैं और कार्य अभी चल रहा है।