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सीवरेज की गड़बड़ी पर मंत्रीजी के बोल…

locationभरतपुरPublished: Jun 22, 2021 02:20:29 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-कलक्ट्रेट सभागार में हुई राज्यमंत्री की बैठक में सामने आया मामला, मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कार्रवाई करने के दिए निर्देश

सीवरेज की गड़बड़ी पर मंत्रीजी के बोल...

सीवरेज की गड़बड़ी पर मंत्रीजी के बोल…

भरतपुर. शहर में सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत करीब 152 करोड़ रुपए से अधिक का बजट खर्च हो चुका है, लेकिन इस प्रोजेक्ट की बड़ी खामियां अब सामने आ रही है। कुछ स्थानों पर लाइन का लेवल सही नहीं है तो कहीं लाइन ही नहीं डाली गई है। प्रथम फेज में हुई गड़बडिय़ां चतुर्थ फेज के लिए भी बड़ी परेशानी बन सकती है।
तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कलक्ट्रेट सभागार में हुई सीवरेज स्टेयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आरयूआईडीपी की ओर से भरतपुर शहर के लिए चतुर्थ फेज में 125 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत वेस्ट वाटर सिस्टम का निर्माण किए जाने से पूर्व प्रथम चरण के तहत डाली गई सीवरेज लाइन में रही कमियों की पूर्ति करने के साथ ही यह सुनिश्चित करें कि उनकी पुनरावृति न हो। उन्होंने कहा कि कामां, डीग, रूपवास एवं बयाना के लिए स्वीकृत सीवरेज लाइनों का कार्य शुरू करने से पूर्व क्षेत्रीय विधायकों से सम्पर्क कर उनकी राय भी जान लें। उन्होंने नगर निगम आयुक्त एवं जिला कलक्टर को निर्देश दिए कि वे पूर्व में सीवरेज के लिए तैयार की गयी डीपीआर एवं ड्रेनेज सिस्टम के लिए तैयार कराई गयी डीपीआर में दी गई वाटर लेवल का मिलान कराएं तथा इसमें पाई गई कमियों के आधार पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि वे आरयूआईडीपी के परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर पहले प्रथम चरण की कमियों को दूर करें तभी द्वितीय/चतुर्थ चरण का कार्य शुरू कराएं तथा घर-घर कनेक्शन का कार्य पूर्णत: नि:शुल्क कराया जाए। उन्होंने आरयूआईडीपी के अधिशाषी अभियंता को निर्देश दिए कि वे जिले में संचालित परियोजना को डेढ़ वर्ष में पूर्ण कराने का लक्ष्य रखकर टेंडर जारी करें, समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने पर 30 प्रतिशत की पैनल्टी लगाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि परियोजना का कार्य पूर्ण होने पर प्लांट का नगरपालिकाओं को हस्तांतरण करने से पूर्व प्लांट के संचालन की प्रक्रिया को नगरपालिका अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शन कराएं। साथ ही भरतपुर जिला मुख्यालय पर प्रोजेक्ट कार्यालय नगर निगम कार्यालय में स्थापित करने के भी निर्देश आरयूआईडीपी के अधिकारियों को दिए। डिप्टी मेयर गिरीश चौधरी ने कहा कि पूर्व की बैठकों में आरयूआईडीपी के अधिकारियों की ओर से सीवरेज का कार्य वर्ष 2018 में पूर्ण करने की बात कही गई, लेकिन कार्य आज दिनांक तक पूरा नहीं हुआ है। बैठक में नगर निगम के महापौर अभिजीत कुमार, जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता, जिला पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र विश्नोई, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) केके गोयल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेश गोयल आदि उपस्थित थे।
लापरवाही इन तीन स्तरों पर हुई

1. सीवरेज की प्रथम चरण की डीपीआर बनाई गई थी, इसमें करौली, गंगापुर सिटी भी शामिल थे। जिस कंपनी ने डीपीआर बनाई थी, उसने भरतपुर शहर की जमीन पथरीली बताई। जबकि यहां का पानी का लेवल काफी ऊंचा है।
2. डीपीआर कोई और व पीएमसी आरयूआईडीपी ने बनाई, इसलिए दोनों की रिपोर्ट के बीच सामंजस्य नहीं था। आरयूआईडीपी ने यहां पर ऑफिस ही बंद कर दिया था। गारंटी पीएमसी की होती है। ठेका कंपनी की जांच व कार्य का जिम्मा संभालना होता है।
3. प्रथम चरण में हुई लापरवाही के कारण शहर के अंदर किसी जगह लाइन का लेवल सही नहीं है तो कहीं लाइन ही नहीं डाली गई है।

4. दो फेज में करीब 61 प्रतिशब आबादी कवर हो चुकी है। अब चतुर्थ फेज स्वीकृत है। राज्यमंत्री के दखल के बाद समस्याएं आने पर 1300 प्रतिशत राशि तक बढ़वाई गई है। अब नगर निगम व यूआईटी के इंजीनियर जांच के बाद चतुर्थ फेज की स्वीकृति देंगे।
प्रोजेक्ट पर एक नजर

प्रथम चरण: गांव नोंह स्थित ट्रीटमेंट प्लांट तक प्रथम चरण में वर्ष 2006 में आरयूआईडीपी ने शहर के आतंरिक क्षेत्र व सरकूलर रोड पर 74.36 किलोमीटर का कार्य प्लांट तक 46.31 करोड़ रुपए व द्वितीय चरण में नगर निगम ने वर्ष 2017 में मार्च माह से 105.48 करोड़ रुपए के बजट से शहर के बाहरी क्षेत्र में सीवरेज का कार्य प्रारंभ किया था। हालांकि आरयूआईडीपी ने 38.23 करोड़ रुपए में 31 मार्च 2019 को कार्य पूरा कर निगम को एनओसी व बजट देकर इतिश्री कर ली। वहीं निगम का सरकूलर रोड के बाहरी क्षेत्र में 116.33 किलोमीटर में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य एलएंडटी कंपनी की ओर से जारी है, जो मार्च 2017 में शुरू किया गया। इसे 27 दिसम्बर 2019 को पूरा करना था लेकिन इसकी तिथि बढ़ाकर 27 जून 2020 तक कर दी है। अब फिर से नई तारीख ली गई है। प्रथम चरण में आरयूआईडीपी ने 74.36 किमी में सीवरेज लाइन डालने व 2215 मैन हॉल का निर्माण प्रस्तावित था। इसमें से 74.16 किमी लाइन डाली गई, लेकिन बीनारायण गेट से सिरकी वाले हनुमान मंदिर तक ट्रेंचलैस सीवर लाइन का 200 मीटर लंबाई का कार्य अधूरा छोड़ दिया। बताया गया है कि इसे किसी विभाग से स्वीकृति लेकर पूर्ण करना था। इसके अतिरिक्त 99 प्रतिशत कार्य पूरा करना बताया गया। लेकिन, प्रथम चरण की ही स्थिति देखें तो अब भी कार्य अधूरा नजर आता है।
द्वितीय चरण: मार्च 2019 के बाद सरकूलर रोड के बाहरी क्षेत्रों में सीवरेज कार्य की जिम्मेदारी नगर निगम पर आई। इसके लिए 105.48 करोड़ का बजट प्रस्तावित था। इसमें 79.66 करोड़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण व सीवरेज लाइन शामिल है। वहीं 11.99 करोड़ में हाउस सीवर कनेक्शन व 1.59 करोड़ में बिजली, टेलीफोन, पाइप लाइन आदि डैमेज होने पर मरम्मत कार्य पर खर्च करना है। बताया गया है कि निगम ने एलएंडटी कंपनी से 116.33 किमी में से काफी हद तक लाइन डलवा ली है। वहीं 2865 से अधिक मैन हॉल भी बनवाए हैं और कार्य अभी चल रहा है।
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