यहां पर्यटकों पर नजर डालें तो प्रतिदिन करीब 450 पर्यटक आते थे इनमें करीब 100 विद्यार्थी और लगभग 350 देशी-विदेशी पर्यटक होते थे। जहां, 10 रुपए प्रति विद्यार्थी और 20 रुपए लिए जाते हैं। इस हिसाब से एक हजार व सात हजार रुपए यानि देशी पर्यटकों के नहीं आने से प्रतिदिन आठ हजार रुपए और विदेशी आए तो करीब एक हजार का नुकसान हो रहा है।
अब तक संग्रहालय को बंद हुए नौ दिन हो चुके हैं। कह सकते हैं कि करीब 90 हजार रुपए के राजस्व का नुकसान हो चुका है। ऐसे में पुरावस्तुओं को संजोय संग्रहालय में वीरानी छाई हुई है। हालांकि, सरकार ने पर्यटकों से संक्रमण न हो इस दिशा में बंद करने का निर्णय लिया है जो उचित है। फिर भी अर्थव्यवस्था तो डगमगा रही है। भरतपुर में संग्रहालय अध्यक्ष महेंद्र अवस्थी का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से संग्रहालय पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। राजस्व का नुकसान हो रहा है। जैसे आदेश हैं उसकी पालना की जाएगी।