जिले में करीब 550 परिवार ऐसे हैं, जो भट्टियों पर कच्ची शराब बनाकर बेचते हैं। इनके क्षेत्रों में चाहे सड़क, बिजली-पानी हो या न हो और बच्चे भले ही स्कूल नहीं जाएं, लेकिन शराब बनाकर बेचना और भंडारण करना ही इनका उद्देश्य रहता है। ऐसे परिवारों को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए सरकार ने नवजीवन योजना शुरू की है। इससे इन परिवारों को संबल और सम्मान मिल सके।
गौरतलब है कि जिले में नदबई, सीकरी, नगर व सबसे अधिक कुम्हेर क्षेत्र में कच्ची शराब बनाने का कार्य धड़ल्ले से होता है। इन परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित रहते हैं अब योजना के माध्यम से इन बच्चों को स्कूल से जोड़ा जाएगा। वहीं स्वरोजगार के लिए बैंक से ऋण दिलाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से शुरू इस योजना में अब सर्वे कराया जाएगा। वहीं ऐसे परिवारों को नशा मुक्ति का संदेश देकर जागरूक किया जाएगा और योजनाबद्ध जो सुविधा दी जा सकेगी वह इन परिवारों को दी जाएगी, जिससे इनका विकास हो और ये ऐसे कार्यों से दूर होकर समाज की धारा में जुड़ें।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग भरतपुर में उपनिदेशक पूरनसिंह ने बताया कि नवजीवन योजना के तहत अवैध कच्ची शराब बनाने, बेचने और भंडारण करने वाले परिवारों का सर्वे कर इन्हें समाज की धारा से जोड़ा जाएगा। इनके बच्चों को शिक्षा व क्षेत्र में बिजली-पानी, सड़क और स्वरोजगार के लिए ऋण की सुविधा कराई जाएगी।