scriptएक घंटे तक तड़पता रहा डायलिसिस मरीज, किसी ने नहीं देखा तो दम तोड़ा | No one saw if he died | Patrika News
भरतपुर

एक घंटे तक तड़पता रहा डायलिसिस मरीज, किसी ने नहीं देखा तो दम तोड़ा

-कोरोना भी है…पर अन्य मरीजों को भी ख्याल रखिए साहब

भरतपुरApr 07, 2020 / 07:50 pm

Meghshyam Parashar

एक घंटे तक तड़पता रहा डायलिसिस मरीज, किसी ने नहीं देखा तो दम तोड़ा

एक घंटे तक तड़पता रहा डायलिसिस मरीज, किसी ने नहीं देखा तो दम तोड़ा

भरतपुर. आरबीएम अस्पताल में मंगलवार को डायलिसिस मरीज इलाज के लिए घंटों तक तड़पता रहा। परिजन व खुद नर्सिंग कर्मचारी उसे लेकर कभी इमरजेंसी तो कभी डासलिसिस कक्ष में ले जाते रहे, लेकिन संबंधित डॉक्टर के अभाव में उसे देखा ही नहीं जा सका। ऐसे में एक घंटे तक तड़पने के बाद उसने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप था कि अगर अस्पताल प्रशासन की ओर से तबियत खराब होने के बाद उसकी देखभाल कर ली जाती जो जान बचाई जा सकती थी।
जानकारी के अनुसार सोहनलाल पुत्र शेरसिंह (53) बहज थाना डीग मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे डायलिसिस कराने के लिए आया था। उससे चिकित्साकर्मियों ने कहा कि दोपहर दो बजे तक नंबर आएगा। दोपहर करीब 12.30 बजे तबियत खराब होने लगे। कमरा नंबर 108 में लेकर गए तो वहां फिजिशयन को दिखाया गया। उसने कहा कि डॉ. गिरीश गोयल ही डायलिसिस देखते हैं इन्हें वो ही देख सकते हैं। इसके बाद डायलिसिस कक्ष में लेकर गए, वहां किसी ने उसे नहीं देखा। हालत ज्यादा खराब होने लगी। वहां कहीं जाने के लिए रास्ता नहीं था। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के कारण ज्यादातर गेटों को बंद कर रखा है। ऐसे में मरीज के परिजन उसे लेकर भटकते रहे। खुद नर्सिंग स्टाफ भी उनके साथ मौजूद था। करीब सवा बजे गोद में लेकर उसे मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी वार्ड में लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। मृतक के पुत्र सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अस्पताल प्रशासन की ओर से इलाज में लापरवाही बरती गई है। कोरोना बड़ा खतरा है…पर अन्य बीमारियों के गंभीर मरीजों की भी देखभाल करनी चाहिए। वहां मौजूद एक नर्सिंग कर्मचारी ने बताया कि इस मरीज की डायलिसिस होनी थी, लेकिन उससे पहले ही तबियत खराब हो गई। जब कमरा नंबर 108 में लेकर गए तो वहां भी डॉक्टर ने नहीं देखा। ऐसे में वापस लेकर आ गए।
जनाना में सामने आ चुका है लापरवाही का मामला

हाल में ही जनाना अस्पताल में भी एक मेवात निवासी गर्भवती महिला का उपचार नहीं करने का मामला सामने आया था। इसमें भी कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की ओर से कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध दर्ज कराया था। इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक हो चुकी है।
-अस्पताल में तीन मशीन है, उन पर मरीजों की डायलिसिस चल रही थी। इसलिए उसका नंबर बाद में आना था। कोविड.19 के अतिरिक्त सभी बीमारियों के इलाज के लिए डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ प्रभारी नियुक्त है।
डॉ. नवदीप सैनी
अधीक्षक आरबीएम अस्पताल
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो