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जहां खनन लीज वहां पर ही संचालित स्टोन क्रशर, अब कमेटी करेगी जांच

locationभरतपुरPublished: Jul 11, 2020 08:49:27 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-जिला कलक्टर के पास पहुंची भुसावर इलाके की शिकायत, गठित कमेटी 15 दिन पेश करेगी रिपोर्ट

जहां खनन लीज वहां पर ही संचालित स्टोन क्रशर, अब कमेटी करेगी जांच

जहां खनन लीज वहां पर ही संचालित स्टोन क्रशर, अब कमेटी करेगी जांच

भरतपुर. एक बार फिर कमेटी की जांच पर ही कार्रवाई टिकी हुई है। क्योंकि भुसावर इलाके से लगातार खनन लीजों पर बगैर भूमि रूपांतरण कराए बिना स्टोन क्रशर संचालित करने व अवैध खनन की शिकायत आ रही है। ऐसे में मामला जिला कलक्टर के संज्ञान में आने के बाद इसकी जांच कमेटी को सौंपी गई है। बल्कि उस कमेटी का अध्यक्ष भी वहां के स्थानीय अधिकारी के बजाय जिलास्तर के अधिकारी को बनाया गया है। क्योंकि पिछले काफी समय से भुसावर इलाके में अवैध खनन कार्य व नियमों को ताक पर रखकर खनन लीज व स्टोन क्रशरों का संचालन कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने की शिकायत की जा रही थी। जिला कलक्टर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 11 जून को निरीक्षण एवं विभिन्न माध्यमों से उपखंड क्षेत्र भुसावर में संचालित समस्त स्टोन क्रशरों के विरूद्ध स्टोन क्रशरों का आबादी से 1500 मीटर के क्षेत्र में आना, बिना राजस्व रिकॉर्ड में अंकित रास्ते के भूमि रूपांतरण एवं इकाइयों पर संचालन, खनन लीजों में ही पृथक भूमि रूपांतरण के बिना ही स्टोन क्रशरा का संचालन, स्टोन क्रशर के लिए रूपांतरित भूमि से अन्यत्र स्टोन क्रशरों का स्थापित होना, रूपांतरित भूमि से अधिक भूमि में स्टोन क्रशरों की स्थापना एवं संचालन के संबंध में निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही है। बार-बार प्राप्त शिकायतों के मद्देनजर भुसावर उपखंड क्षेत्र में संचालित स्टोन क्रशर्स की जांच के लिए संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में एडीएम प्रशासन को अध्यक्ष, एसडीएम भुसावर को सदस्य सचिव, अधीक्षण खनि अभियंता को सदस्य, सहायक खनि अभियंता रूपवास को सदस्य, क्षेत्रीय अधिकारी आरपीसीबी को सदस्य, तहसीलदार भुसावर को सदस्य बनाया गया है। उक्त कमेटी निरीक्षण कर 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण को लेकर वहां के कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ओर से शिकायत की जा रही थी। साथ ही संबंधित विभाग व अन्य विभागों के कुछ अधिकारियों के भी नियम विपरीत कार्य में सहयोग करने की शिकायत की गई थी।
कागजों में बनती है कमेटियां लेकिन नतीजा शून्य

हकीकत यह है कि जिले में अवैध खनन को लेकर कार्रवाई व जांच के लिए अक्सर कमेटियां बनाई जाती है, लेकिन कुछ समय गुजरने के बाद इनकी रिपोर्ट धूल चाटती नजर आती है। फरवरी 2019 में जिला कलक्टर ने तीन क्षेत्रों में अवैध खनन व ओवरलोड परिवहन के खिलाफ कार्रवाई के लिए सात अधिकारियों की टीम गठित कर उनका मुख्यालय ही वहां कर दिया था। जिला कलक्टर ने संयुक्त कमेटी ने कमेटी गठन की तारीख से 15 दिन की अवधि में जवाब देने को कहा था। जिला कलक्टर ने तीन फरवरी को आदेश निकाला था। इसमें तहसील पहाड़ी, कामां एवं नगर में खनिज से भरे हुए ओवरलोड परिवहन को रोकने एवं अवैध खनन निर्गमन की प्रभावी रोकथाम के लिए 15 दिन के लिए सूचीबद्ध अधिकारी-कर्मचारियों का मुख्यालय पहाड़ी कर संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता सतर्कता, अधीक्षक खनि अभियंता, खनि कार्यदेशक श्रेणी द्वितीय, खनि कार्यदेशक को शामिल किया था। यह मामला भी कुछ दिन बाद कागजों में ही सिमट कर रह गया।
आपसी समन्वय के अभाव में नहीं होती कार्रवाई

बताते हैं कि ऐसे मामलों को लेकर अक्सर परिवहन, पुलिस व खनि विभाग के अधिकारियों के बीच समन्वय का अभाव रहता है। फरवरी माह में गठित कमेटी के बार-बार बहाने लगाने के बाद यह बात सामने आई थी। कभी कमेटी ने जाब्ता नहीं मिलने का दावा किया था तो कभी खुद पुलिस अधिकारियों ने जाब्ता कम होने की समस्या बताकर पल्ला झाड़ दिया था। समय के साथ ही कमेटी की बात ही भुला दी गई है। इससे साफ है कि अक्सर ऐसे प्रकरणों में विभागों की मंशा पर भी सवाल खड़े होते हैं।
-खुद मैंने भी एक बार भुसावर क्षेत्र में निरीक्षण किया था तो इस तरह की गड़बड़ी सामने आई थी। इसके अलावा वहां के कुछ जनप्रतिनिधियों की ओर से भी ज्ञापन देकर बार-बार शिकायत की जा रही थी। कमेटी गठित कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
नथमल डिडेल
जिला कलक्टर
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