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भरतपुर

दुनियां में कहीं नहीं होती, भरतपुर में इस शाम हुई ‘मड स्केटिंग’, हंसी-हंसी में दो दर्जन पहुंचे आर्थोपेडिक वार्ड

Nowhere in the world, ‘Mud Skating’ took place in Bharatpur this evening, two dozen reached the orthopedic ward laughingly

भरतपुरJan 24, 2023 / 06:39 pm

Gaurav

दुनियां में कहीं नहीं होती, भरतपुर में इस शाम हुई ‘मड स्केटिंग’, हंसी-हंसी में दो दर्जन पहुंचे आर्थोपेडिक वार्ड

दुनियां में कहीं नहीं होती, भरतपुर में इस शाम हुई ‘मड स्केटिंग’, हंसी-हंसी में दो दर्जन पहुंचे आर्थोपेडिक वार्ड

Nowhere in the world, ‘Mud Skating’ took place in Bharatpur this evening, two dozen reached the orthopedic ward laughingly

-शहर के चांदपोल गेट से आरबीएम अस्पताल के बीच 3 किमी में पल पल में हुए हादसे
-100 से ज्यादा बाइकर्स सिल्ट पर फिसले, 25 पहुंचे अस्पताल

भरतपुर. स्केटिंग, आईस स्केटिंग (ice skating) तो सभी ने सुना होगा, लेकिन मड स्केटिंग (mude skating) कहीं नहीं देखी होगी। राजस्थान के भरतपुर शहर में सोमवार रात को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जिसमें 100 से ज्यादा बाइकर्स घायल हो गए, जिसमें 25 तो विभिन्न अस्पतालों के आर्थोपेडिक वार्डों में जा पहुंचे।

वाक्या सोमवार शाम 7 बजे के बाद का है जब मावठ ने फसलों को फायदा पहुंचाने से पहले बाइक चालकों को अस्पताल पहुंचा दिया। दरअसल शहर के परकोटे के बाहर ओवरफ्लो को शहर से बाहर निकालने के लिए बनाई सीएफसीडी कैनाल से निकल रही सिल्ट (चिकनी मिट्टी) को ले जाने वाले डम्पर इसे सडक़ पर फैलाते हुए जा रहे हैं। ऐसा कई दिनों से लगातार हो रहा है। लेकिन सोमवार शाम को अचानक से आई मावठ से स्थिति काफी खराब हो गई।

शहर मेें रेडक्रॉस सर्कल से लेकर जघीना गेट तक करीब तीन घंटे के अंदर 100 से ज्यादा बाइक सवार फिसल गए। इसमें करीब 25 लोग सरकारी व निजी अस्पतालों में भी पहुंचे। गनीमत यह रही कि अग्रसेन नगर के सामने एक बड़ा हादसा होने से भी टल गया। सीएफसीडी से सिल्ट भरकर डंपर खाली करने के लिए सर्कुलर रोड से जा रहे थे। इससे सिल्ट सडक़ पर फैल रही थी। इसी बीच बूंदाबांदी होने से चिकनी मिट्टी होने के कारण सडक़ पर वाहनों का फिसलना शुरू हो गया। इससे शहर में हडक़ंप की स्थिति बन गई। जब मामला जिम्मेदार अधिकारियों के पास पहुंचा तो किसी ने संबंधित कंपनी को निर्देशित करने के कहा तो किसी ने फोन ही स्विच ऑफ कर लिया।

200 करोड़ का प्रोजेक्ट
शहर में पानी निकासी के लिए राजस्थान पत्रिका ने अभियान चलाया था। सालों अभियान के बाद नगर निगम ने 200 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाया। इसमें सिटी फ्लड कंट्रोल ड्रेन पांच किलोमीटर लंबी, रणजीत नगर फ्लड कंट्रोल ड्रेन चार किलोमीटर, रामनगर दो मोरा चैनल चार किलोमीटर, हीरादास चैनल तीन किलोमीटर और गिर्राज कैनाल चैनल को प्रोजेक्ट में जोड़ा जाएगा।

एक्सपर्ट: यहां पानी नहीं सोखती मिट्टी
एक्सपर्ट डॉ. उदयभान सिंह ने बताया कि हादसे होने के पीछे बड़ा कारण यह है कि सीएफसीडी की सिल्ट जल्द पानी को नहीं सोखती। ऐसी ही मिट्टी उन कॉलोनियों की है, जहां जलभराव होता है। भूगर्भीय जलस्तर भी ऊपर होने से डूब क्षेत्र में बरसाती पानी भरा रहता है।

आयुक्त बोले, धीरे चलें बाइक चालक
पत्रिका ने जब इस मामले को लेकर नगर निगम आयुक्त सुभाष गोयल से बात की तो उन्होंने कहा कि मैंने खुद सडक़ पर सिल्ट पड़ी देखकार्यकारी एजेंसी को निर्देशित किया था। लेकिन यह भी सही है कि बाइक चालकों को ऐसे मौसम में धीरे ड्राइव करना चाहिए।

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