जिले में पशुपालन विभाग से पंजीकृत करीब 13 गौशालाएं हैं। नियम के अन्तर्गत एक गौशाला में दो सौ या इससे अधिक गोवंश होने पर अनुदान दिया जाता है। अब आठ गौशाला संचालकों को गो संवर्धन एवं संरक्षण निधि नियम 2016 के तहत जनवरी 2019 का 01 करोड़ 06 लाख 32 हजार 752 रुपए का अनुदान 30 मार्च को दिया है।
अनुदान से पूर्व विभाग ने गौशालाओं का सर्वे कराया। सर्वे में बादीपुर, अलीपुर, गढ़ीसांवलदास भरतपुर, भुसावर, कलावटा कामां, जडख़ोर डीग, रुदावल, सेऊ डीग आदि गौशालाओं में दो सौ व इससे अधिक गोवंश पाया। इन गौशालाओं में 2975 बछड़े-बछड़ी व 9231 बड़ा गोवंश पाया। यानि कुल 12206 गोवंश गौशाला में है। तब इनके भुगतान की राशि निर्धारित की गई।
विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश चौधरी ने बताया कि नियमानुसार प्रति बछड़ा 16 रुपए और प्रति बड़े गोवंश को 32 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से चारा-दाने की व्यवस्था करने का प्रावधान है। इसके अनुसार गौशाला में जितना गोवंश होता है उसके हिसाब से भुगतान करते हैं। मगर, इससे पूर्व गौशाला संचालकों को चारा-दाने पर व्यय का बिल प्रस्तुत करना पड़ता है। जिले में आठ गौशालाओं के संचालकों को जनवरी 2019 का एक करोड़ रुपए से अधिक का अनुदान तीस मार्च को कर दिया है।