सर्वे में उजागर हुए अपात्रों के नाम इसे देखते हुए सरकार के निर्देश पर रसद विभाग ने योजना के तहत गत वर्ष एक नबम्वर से सीडिंग सर्वे का अभियान चलाया, इसमें अब तक एक लाख से अधिक लोग अपात्र पाए गए। इतनी अधिक संख्या में अपात्र लोगों का सामने आना आश्चर्यजनक है। इस हैरानी पर विभाग ने इनके नामों को सूची से कट कर दिया। अभी कार्य जारी है, इससे और भी लोगों के नाम सामने आएंगे।
परिजन उठा रहे थे मृतक का लाभ जिले में करीब 1010 सरकारी उचित मूल्य की दुकानें हैं, जहां से गरीब तबके के लोगों को चीनी, गेहूं आदि राशन का सामान वितरित किया जाता है। इससे पात्र लोगों का भरण-पोषण हो। लेकिन, राशन कार्ड ऐसे भी थे जिनका परिवार पात्रता नहीं रखता। वहीं ऐसे भी राशन कार्ड में नाम सामने आए, जहां से लड़कियों की शादी हो चुकी है, भरतपुर छोड़कर कहीं और चले गए, ऐसे भी नाम थे जिनकी मृत्यु हो चुकी है। फिर भी राशन कार्डों से करीब एक लाख आठ हजार 170 उपभोक्ताओं का राशन बदस्तूर उठाया जा रहा था। यह स्थिति सर्वे में सामने आई।
सर्वे में 1.41 लाख अब भी रडार पर गौरतलब है कि जिले में एक हजार दस राशन.की दुकानें हैं, जहां से 16 लाख 4 हजार 623 उपभोक्ताओं को राशन वितरित होता है। यहां से इन 01 लाख 8 हजार 170 अपात्र लोगों ने सैकड़ों क्विंटल गेहूं डकार लिया है। सीडिंग कार्य को देखते हुए एक नवंबर से अब तक फिलहाल पांच लाख 40 हजार यूनिट का सर्वे करना है। सर्वे में सामने आया कि इनमें से 2 लाख 69 हजार 328 लोगों की सीडिंग हुई। इनमें 01 लाख 8 हजार 170 लोग अपात्र थे। इनके नाम सूची हटा दिए हैं। वहीं शेष करीब 01 लाख 41 हजार 136 उपभोक्ताओं के सर्वे का कार्य जारी है। सर्वे में ये भी रडार पर हैं।
इनका कहना है… सर्वे में अब तक एक लाख से अधिक लोग ऐसे सामने आए, जो खाद्य सुरक्षा योजना की पात्रता नहीं रखते। इनके नाम सूची से काट दिए हैं। सर्वे अभी जारी है और लोगों के नाम भी सामने आएंगे। इसलिए. लोगों से कहना है कि आधार का नामांकन कराकर राशन कार्ड से सीडिंग कराएं। क्योंकि, कोई भी पात्र व्यक्ति राशन से वंचित न रहे।
सुभाषचंद गोयल, जिला रसद अधिकारी