राज्य सरकार की ओर से अनाथ, बेसहारा बच्चों का पालन-पोषण करने वाले पालनहारों को प्रति बच्चा शून्य से छह वर्ष तक 500 रुपए और छह से अ_ारह वर्ष तक 1000 रुपए देने का प्रावधान है। लेकिन, दस्तावेजों में बैंक खाता अपडेट, आयु व अध्ययन प्रमाण पत्र आदि का लगभग 300 पालनहारों ने 625 से अधिक बच्चों का सत्यान नहीं कराया है। इसलिए बच्चों तक 60 लाख रुपए का भुगतान नहीं हो पाया। यह जागरूक नहीं होने का भी कारण है।
इससे पहले लॉक डाउन में सभी ई-मित्र बंद थे। लेकिन, राहत मिलते ही ई-मित्रों का संचालन शुरू कर दिया जिससे पालनहार अपने बच्चों के दस्तावेजों का सत्यापन करवाकर योजना का लाभ ले सकें। बावजूद इसके सत्यापन नहीं करवाया है। इसलिए इनका लाखों का भुगतान अटका पड़ा है। ऐसे में बच्चों की परवरिश में परेशानी आ सकती है।
उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग भरतपुर पूरनसिंह का कहना है कि सभी ई-मित्र खुल चुके हैं। इसलिए पालनहार अपने बच्चों के दस्तावेजों का सत्यापन कराएं। सत्यापन व बैंक खाता अपडेट नहीं कराने से सैंकड़ों बच्चों का भुगतान रुका है।