scriptजन आरोग्य ‘संजीवनी से करेंगे लोगों के स्वास्थ्य में सुधार | Public health will improve people's health by Sanjeevani | Patrika News
भरतपुर

जन आरोग्य ‘संजीवनी से करेंगे लोगों के स्वास्थ्य में सुधार

भरतपुर. बीमारी से जूझते लोगों का स्वास्थ्य अब जन आरोग्य ‘संजीवनीÓ से सुधारा जाएगा। देश में करोड़ों लोग बीमारियों से ग्रसित हैं, लेकिन महंगा उपचार कराने में असमर्थ हैं।

भरतपुरDec 31, 2018 / 11:38 pm

pramod verma

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भरतपुर. बीमारी से जूझते लोगों का स्वास्थ्य अब जन आरोग्य ‘संजीवनीÓ से सुधारा जाएगा। देश में करोड़ों लोग बीमारियों से ग्रसित हैं, लेकिन महंगा उपचार कराने में असमर्थ हैं।लोगों की बीमारियों पर केंद्र सरकारअब जन आरोग्य योजना के तहत एक वर्ष में पांच लाख रुपए खर्च करेगी। योजना के मद्देनजर सरकार ने डाक घरों को जन आरोग्य के प्रचार-प्रसार व सूचना पहुंचाने के लिए जिले के ०१ लाख ६९ हजार २०५ लोगों के घरों तक पत्र के रूप में संदेश पहुंचाने का कार्य डाकियों को सौंपा है।
गौरतलब है कि जिले में शहरी क्षेत्र में २५ बड़े डाकघर व ग्रामीण इलाकों में २६८ शाखा डाकघर संचालित हैं। जहां, शहरी व तहसील स्तर पर ४१ और ग्रामीण क्षेत्रों में ३७४ डाक सेवक कार्यरत हैं। सरकार ने इन्हें ०१ लाख ६९ हजार २०५ परिवारों के मुखियाओं तक पत्र के रूप में संदेश पहुंचाने का कार्य दिया है। प्रधानमंत्री का ये पत्र लोगों तक पहुंचाने का कार्य डाकियों के माध्यम से देशभर में कराया जा रहा है, जो ३१ दिसम्बर तक पूरा करना है।
इसके चलते केंद्र ने देश में १० करोड़ परिवारों के ५० करोड़ लोगों तक पत्र पहुंचाने का कार्य शुरू कराया है। इसमें जिले के एक लाख से अधिक लोग शामिल हैं।डाक के माध्यम से इनके घरों तक पत्र पहुंचाकर उपचार कराने की सूचना दी जा रही है कि सरकार तुम्हारे परिवार के सदस्य की बीमारी के इलाज पर अब एक वर्ष तक पांच लाख रुपए खर्च करेगी।
कह सकते हैं कि अब आपके परिवार में कोई बीमारी आती है तो उसके इलाज के लिए सरकार ने एक वर्ष में पांच लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा का लक्ष्य निर्धारित किया है। आप देशभर में किसी भी सरकारी व निजी अस्पताल में जाकर केंद्र सरकार के आए पत्र के साथ अपनी आईडी (आधार कार्ड) या अन्य दिखाकर अपना इलाज करा सकेंगे।
प्रधान डाक अधीक्षक सुरेशचंद शर्मा का कहना है कि जन आरोग्य योजना के एक लाख से अधिक पत्र प्राप्त हुए हैं। इन्हें पोस्टमैन के माध्यम से परिवारों के मुखियाओं तक पहुंचाया जा रहा है। इस पत्र के साथ आईडी दिखाकर कहीं भी निजी व सरकारी अस्पतालों में एक वर्ष तक पांच लाख रुपए तक का इलाज नि:शुल्क कराया जा सकता है।
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