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भरतपुर

डीएपी: सभी सेंटरों पर स्टॉक खत्म, दो-चार दिन सप्लाई नहीं आई तो रबी फसल पर संकट

-17 हजार मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता, आया सिर्फ सात हजार मीट्रिक टन

भरतपुरOct 16, 2021 / 03:01 pm

Meghshyam Parashar

डीएपी: सभी सेंटरों पर स्टॉक खत्म, दो-चार दिन सप्लाई नहीं आई तो रबी फसल पर संकट

डीएपी: सभी सेंटरों पर स्टॉक खत्म, दो-चार दिन सप्लाई नहीं आई तो रबी फसल पर संकट

भरतपुर. रबी की बुआई से पहले ही जिले में डीएपी संकट गहराने लगा है। जिले में रबी सीजन के दौरान सहकारी एजेंसियों में से लगभग सभी सेंटर्स पर डीएपी का स्टॉक खत्म बताया जा रहा है। हालात ये हैं कि यदि दो-चार दिन में सप्लाई नहीं मिली तो जिलेभर में डीएपी की कालाबाजारी की समस्या हो सकती है। क्योंकि मौसम खुलने के साथ ही किसानों ने फसलों की बुआई शुरू कर दी है। इससे लगातार डीएपी की मांग बढ़ती जा रही है। इस वर्ष देर तक हुई मानसूनी बरसात के चलते किसान पहले ही सरसों की बुवाई में लेट हो गया है और अब ऊपर से रबी की फसल की बुवाई के लिए उर्वरक (डीएपी) भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसान को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। किसान बीते करीब 25 दिन से उर्वरक की दुकानों के सामने चक्कर काट रहा है लेकिन उन्हें पर्याप्त उर्वरक नहीं मिल पा रहा, इसकी वजह से जिले का किसान समय पर सरसों की फसल की बुवाई नहीं कर पा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष करीब तीन लाख 73 हजार हेक्टेयर भूमि में रबी फसल की बुवाई होनी है। इसके लिए औसतन करीब 24 हजार मैट्रिक टन उर्वरक (डीएपी) की आवश्यकता है, लेकिन बीते कुछ माह से अब तक सिर्फ सात हजार मीट्रिक टन खाद उपलब्ध हुई है।
कृषि विभाग के अनुसार जिले में चना, सरसों, गेहूं की तीन लाख 73 हजार हैक्टेयर में रबी की बुवाई होनी है। इसमें सर्वाधिक ढाई लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले के कुछ इलाकों में तो खाद की कालाबाजरी भी हो रही है। कुछ किसानों ने बताया कि मार्केट में कई निजी विक्रेता किल्लत के नाम पर बैग की कीमत 1200 के बजाय 1300 से 1400 रुपए वसूल रहे हैं।
कृषि: डीएपी के स्थान पर एसएसपी के इस्तेमाल की दे रहे सलाह

बताते हैं कि एसएसपी उर्वरक डीएपी की तुलना में सस्ता एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है। प्रति बैग डीएपी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं नौ किलोग्राम नाइट्रोजन पाई जाती है। यदि विभागीय सलाह अनुसार डीएपी के विकल्प के रूप में तीन बैग एसएसपी एवं एक बैग यूरिया का प्रयोग किया जाता है तो इससे भी कम मूल्य पर अधिक नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस तथा अतिरिक्त सल्फर प्राप्त किया जा सकता है। इससे 24 किलोग्राम फॉस्फोरस, 20 किलोग्राम नाइट्रोजन एवं 16 किलोग्राम सल्फर मिलता है। डीएपी के एक बैग की कीमत 1200 रुपए है, वहीं एसएसपी के तीन बैग की कीमत 900 रुपए एवं यूरिया के एक बैग की कीमत 266 रुपए सहित कुल 1166 रुपए खर्च होंगे। कृषि विभाग भी किसानों को वैकल्पिक फॉस्फेटिक उर्वरक सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं एनपीके का उपयोग करने की सलाह दे रहा है, ताकि डीएपी की कमी से संभावित नुकसान से बचा जा सके। एसएसपी एक फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है। इसमें 18 प्रतिशत फॉस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है। इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण यह उर्वरक फसलों के लिए लाभदायक है।
फैक्ट फाइल

-जिले में रबी फसल के लिए 24,000 मीट्रिक टन की जरूरत
-बीते तीन माह में सिर्फ 07 हजार मीट्रिक टन उर्वरक ही उपलब्ध
-इस वर्ष जिले में करीब 2.30 लाख हेक्टेयर में सरसों बुवाई लक्ष्य
-करीब 1.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं बुवाई
-कुल 3.73 लाख हेक्टेयर में होगी रबी फसलों की बुवाई
इनका कहना है

-इस समय स्टॉक बिल्कुल खत्म हो चुका है। खाद आ ही नहीं रही है। किसानों को एसएसपी का भी इस्तेमाल करना चाहिए।

धर्मपाल सिंह
उपनिदेशक, कृषि एवं विस्तार

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