कमेटी ने करीब 90 किसानों के बयान लेकर विस्तृत रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंप दी है। अब किसानों को आगामी आदेश का इंतजार है।गौरतलब है कि परमदरा व सेऊ के करीब 390 किसानों ने सहकारी समिति में उनके नाम पर रुपए लेने का आरोप लगाया था। जांच के लिए किसान धरने पर बैठे थे। पत्रिका की मुहीम पर प्रशासन ने किसानों के लिखित बयान लिए। यह जांच प्रशासन की ओर से नियुक्त एसीएम के नेतृत्व में की गई।
कमेटी ने शुक्रवार शाम को 90 किसानों की जांच रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंप दी। सूत्रों का कहना है कि बयान और जांच में कमेटी को अनियमितता नजर आई है। यह सामने आ रहा है कि किसानों ने ऋण लिया नहीं फिर भी ऋणमाफी की सूची में उनके नाम दर्ज हैं। किसानों की समस्या को लेकर राजस्थान पत्रिका ने ‘कर्ज का कांटाÓ अभियान शुरू किया। ऋणमाफी में गड़बड़ी को लेकर पत्रिका ने 17 जनवरी को ’35 साल पहले जिस किसान की मौत उसके नाम पर भी दिया ऋणÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया।
इसके बाद 18 जनवरी से पत्रिका ने ‘कर्ज के दर्द से कराहते किसानों ने प्रशासन से लगाई गुहारÓ के तहत अभियान शुरू किया, जो लगातार प्रकाशित हो रहा है। एसीएम संजय गोयल का कहना है कि अब तक 90 किसानों के लिखित बयान लिए हैं। इसमें गड़बड़ी की संभावना नजर आ रही है। जांच रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंप दी है। अब आगे प्रशासन जैसा निर्देश देगा कार्रवाई की जाएगी।