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भरतपुर

संकट के समय में सारथी का सहारा…

भरतपुर. लॉक डाउन के समय जहां यातायात के सभी साधन बंद हैं और लोग घरों में ही बने हुए हैं।

भरतपुरApr 07, 2020 / 07:54 pm

rohit sharma

संकट के समय में सारथी का सहारा...

संकट के समय में सारथी का सहारा…

संकट के समय में सारथी का सहारा…
भरतपुर. लॉक डाउन के समय जहां यातायात के सभी साधन बंद हैं और लोग घरों में ही बने हुए हैं। ऐसे वक्त में आपातकालीन सेवा संचालकों की खासी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इस समय 108 एम्बुलेंस स्टाफ किसी सारथी की भूमिका से कम नजर नहीं आ रहे हैं। जिले में एम्बुलेंस कर्मी इन दिनों दो पारियों में दिन-रात इमरजेंसी सेवा में जुटे हुए हैं। निजी वाहन और प्राइवेट एम्बुलेंस पहले ही बंद हो चुकी हैं।
ऐसे में इन एम्बुलेंस पर पूरे जिले का भार बना हुआ हैं। जिले में मिले पांच पॉजिटिव केसों को भरतपुर से जयपुर एसएमएस अस्पताल 108 एम्बुलेंस से शिफ्ट किया गया था। लॉक डाउन की वजह से इन दिनों सड़क हादसे के केस बेहद कम आ रहे हैं। ज्यादातर केस कोरोना वायरस के संदिग्ध या फिर प्रसूता के हैं। वहीं, गंभीर रूप से बीमार मरीजों को भी एम्बुलेंस से जिला अस्पताल छोड़ा जा रहा है।
कोरोना वायरस जिले में केस मिलने के बाद निजी वाहन चालकों ने मरीज को बाहर ले जाने पर पूरी तरह से दूरी बना ली। ऐसे में 108 कर्मी पूरी तरह मुस्तैदी से डटे हैं। पॉजिटिव मिले पांच मरीजों को भरतपुर से जयपुर एम्बुलेंसकर्मियों ने शिफ्ट किया था। इसके अलावा संदिग्ध को क्वारंटाइन होम तक ले जाने और फिर उसे घर तक छोडऩे की जिम्मेदारी भी एम्बुलेंसकर्मी उठा रहे हैं।
जिले में एम्बुलेंस कर्मी इन दिनों दो पारियों में चौबीस घंटे जुटे हुए हैं। जिले में 108 की 23, जननी एक्सप्रेस की 20 और बेस एम्बुलेंस 10 हैं। इन पर करीब 150 कर्मचारी हैं जिसमें कम्पाउण्डर और चालक शामिल हैं। ज्यादातर एम्बुलेंस अपने पुलिस थाना इलाके से संचालित हो रही हैं। एम्बुलेंस कर्मी भूरा सिंह ने बताया कि इस संकट के दौर में समय से ज्यादा कार्य हो रहा है। अगर कोई एम्बुलेंस नहीं पहुंच पा रही है तो नजदीकी दूसरी एम्बुलेंस उसे केस को कवर कर रही है।
एम्बुलेंस कर्मी संक्रमित व्यक्ति को जयपुर शिफ्ट करते समय बेहद सावधानी बरत रहे हैं। कमाण्डर व चालक मास्क, गल्ब्स और पीपीई किट का इस्तमाल कर रहे हैं। वहीं, मरीज को छोडऩे के बाद एम्बुलेंस को सोडियम हाईड्रोक्लाइड से सैनेटाइज कराया जा रहा है जिससे दूसरा मरीज संक्रमण की चपेट में ना जाए।
संभाग प्रोग्राम मैनेजर 108 एम्बुलेंस धर्मेंद्र यादव का कहना है कि लॉक डाउन के चलते जिले में छोटे से लेकर बड़े केस को जिला अस्पताल ले जाना या फिर रैफर को जयपुर ले जाना एम्बुलेंसकर्मी पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रहे हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से एम्बुलेंसकर्मी अपनी जान जोखिम में डाल अपना कार्य कर रहे हैं। संक्रमण को लेकर एम्बुलेंस कर्मी विशेष एतियात बरत रहे हैं।

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