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भरतपुर

ऐसा भी होता है…! शहर से बाहर निकली नहीं स्कूटी…70 किमी दूर काट दिया चालान

it also happens…! Scooty did not come out of the city, challan was cut 70 km away
कहीं आप भी ऐसे ही सरकारी चूक के शिकार तो नहीं हो रहे हैं। हो भी सकते हैं, क्योंकि सरकारी सिस्टम अव्यवस्था का दूसरा नाम बन चुका है।

भरतपुरNov 30, 2022 / 04:59 pm

Gaurav

ऐसा भी होता है...! शहर से बाहर निकली नहीं स्कूटी...70 किमी दूर काट दिया चालान

ऐसा भी होता है…! शहर से बाहर निकली नहीं स्कूटी…70 किमी दूर काट दिया चालान

-सिटी राइड्स के लिए खरीदी स्कूटी, 70 किमी से चलकर आया चालान
-भरतपुर की स्कूटी का हिण्डौन सिटी में कर दिया चालान
-इतना ही नहीं इस खामी से स्कूटी ब्लैक लिस्ट तक हुई


भरतपुर . करौली जिले की पुलिस और परिवहन विभाग की एक खामी का खमियाजा यहां एक जने को भुगतना पड़ रहा है। जो स्कूटी कभी हिण्डौन गई ही नहीं, उसका हिण्डौन में चालान कट गया। खास बात यह है कि स्कूटी ब्लैक लिस्ट भी कर दी गई। हिण्डौन में खेड़ला बुजुर्ग निवासी एक जने की बाइक का चालान हुआ, जबकि चालान शहर के छीपी मोहल्ला निवासी व्यक्ति को भेज दिया गया।

शहर के वासन गेट छीपी मोहल्ला निवासी ललित कुमार गुप्ता को स्कूटी के चालान की जानकारी मिली तो उन्होंने उनकी स्कूटी संख्या आरजे-05एसवी-1861 के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। इसका जवाब 28 नवम्बर को मिला। इसमें मोटरसाइकिल का चालान दर्शाया गया है। इसमें वाहन का संचालन 10 फरवरी 2020 को चालक मोहन पुत्र रामजीलाल निवासी खेड़ला बुजुर्ग महवा की ओर से दिखाया है, जबकि चालान दूसरे वाहन का कर दिया गया। ललित कुमार का दावा है कि उनकी स्कूटी कभी हिण्डौन-करौली मार्ग पर गई ही नहीं। चालान मोटरसाइकिल संख्या आरजे-05एसवी-1861 का दर्शाया गया है। वाहन चालक पर रजिस्ट्रेशन, ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस एवं पीयूसी नहीं होने पर चालान किया है। खास बात यह है कि वाहन स्वामी के पास इनमें से कोई भी दस्तावेज नहीं था।

पोर्टल पर कुछ, चालान में कुछ
वाहन पोर्टल पर स्कूटी चालान की प्रति में ललित कुमार पुत्र लेखराज निवासी छीपी मोहल्ला वासन गेट भरतपुर का नाम दर्शाया जा रहा है, जबकि चालान में वाहन स्वामी मोहन पुत्र रामजीलाल निवासी गांव खेड़ला बुजुर्ग महवा दर्शा रखा है। प्रार्थी ने परिवहन विभाग की पोर्टल से इ-चालान निकाला तो ज्ञात हुआ कि चालान मोटरसाकिल संख्या आरजे-05एसयू-1861 का हुआ है। इसमें वाहन चालक का नाम मोहन है, जबकि प्रार्थी की स्कूटी का नंबर आरजे-05एसवी-1861 है। परिवहन विभाग के इ-चालान व विभाग की ओर से भेजे गए जवाब में चालान की संख्या मैच हो रही है। खास बात यह है कि इसमें आरजे-05एसवी की जगह आरजे-05एसयू का चालान कर दिया है। ललित कुमार ने बताया कि उनकी स्कूटी को उनकी बेटी चलाती है, जो कॉलेज जाती है।

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