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भरतपुर

जिस स्टेशन पर 72 ट्रेनों का होता था ठहराव, अब मात्र पांच ट्रेनें संचालित

रेलवे स्टेशन पर अभी भले ही एक जून से ट्रेनों का ठहराव शुरू हो गया हो लेकिन भरतपुर स्टेशन पर अभी मात्र पांच ट्रेनें ही यात्रियों के लिए उपलब्ध हैं।

भरतपुरJun 04, 2020 / 11:31 am

rohit sharma

जिस स्टेशन पर 72 ट्रेनों का होता था ठहराव, अब मात्र पांच ट्रेनें संचालित

जिस स्टेशन पर 72 ट्रेनों का होता था ठहराव, अब मात्र पांच ट्रेनें संचालित

भरतपुर. रेलवे स्टेशन पर अभी भले ही एक जून से ट्रेनों का ठहराव शुरू हो गया हो लेकिन भरतपुर स्टेशन पर अभी मात्र पांच ट्रेनें ही यात्रियों के लिए उपलब्ध हैं। जो ट्रेनें संचालित हैं उसमें भी यात्री रिजर्वेशन के साथ ही सफर कर सकता है। आमदिनों की तरह टिकट लेकर जनरल कोच में यात्रा करने की अभी छूट नहीं मिली है। इससे अभी स्टेशन पर न तो भीड़ है और न ही चहल-पहल दिख रही है। वहीं, पैंसेजर ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं होने से आसपास समेत छोटे स्टेशनों से होकर घर जाने वाले लोगों के लिए अभी समस्या बनी हुई है। रेलवे की ओर से शुरू की गई ट्रेनों में मुख्य लाइन दिल्ली-कोटा पर चार ट्रेन हैं जबकि आगरा-जयपुर लाइन पर केवल फिलहाल जोधपुर-हावड़ा का संचालन हो रहा है। इस मार्ग पर प्रमुख ट्रेन आगरा-अजमेर इंटरसिटी, उदयपुर-खुजराहो इंटरसिटी, लखनऊ-जयपुर एक्सप्रेस व जोधपुर-बनारस मरुधर एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन अभी बंद पड़ा है। यानी जयपुर जाने के लिए केवल जोधपुर-हावडा एकमात्र इस समय भरतपुर से ट्रेन हैं। इसके अलावा दूसरी ट्रेन मेवाड एक्सप्रेस है लेकिन वह भरतपुर से सवाईमाधोपुर होकर है। गौरतलब रहे कि भरतपुर में मैन लाइन कोटा-दिल्ली और ब्रांच जयपुर-आगरा लाइन पर अप-डाउन में 72 ट्रेनों का चौबीस घंटे में ठहराव होता है।

सामान्य टिकट वालों को अभी करना होगा इंतजार

किसी भी शहर के लिए स्टेशन ऐसा स्थान होता है जहां पर दिन-रात चहल-पहल रहती है। लेकिन लॉक डाउन की वजह से बंद हुए ट्रेनों के संचालन के बाद यहां गत दिनों सन्नाटा पसरा रहा। अब जब एक जून ट्रेनें शुरू हुई हैं तो अभी पहले जैसी रौनक नहीं है। स्टेशन पर ट्रेन कब आकर चली जाती है पता ही नहीं चलता है। बाहर सर्कुलेटिंग एरिया में पहले की तरफ ऑटो व टैम्पो की भीड़ नहीं है और न ही सामने दुकानों पर यात्रियों का जमावाडा है। लोगों का कहना है कि जब तक अन्य एक्सप्रेस और पैंसेजर टे्रन नहीं चलेंगी, उससे पहले राहत नहीं मिलेगी। एमएसटी से अप-डाउन करने वाले शैलेन्द्र ने बताया कि वह मथुरा में काम करता था लेकिन ट्रेनों में अभी एमएसटी शुरू नहीं की है। इससे वह दूसरे साधन से जाने पर मजबूर हैं। इसी तरह आगरा में जूता फैक्ट्री में कार्य करने वाले नरेन्द्र ने बताया कि ट्रेनों में जनरल टिकट से सफर करने पर रोक है, इससे वह काम पर नहीं जा पा रहा है।

ट्रेन का ठहराव पर यात्री ही नहीं

आगरा-जयपुर लाइन के प्रमुख स्टेशन पर नदबई पर अभी ट्रेनों का ठहराव नहीं हुआ है। इसी तरह बयाना लाइन के रूपवास स्टेशन पर भी अवध ट्रेन का ठहराव दिया है लेकिन यहां पर दो दिन कोई यात्री नहीं चढ़ा और न ही उतरा। इसकी वजह रिजर्वेशन टिकट नहीं होना है। ट्रेनों के संचालन नहीं होने से प्रतिदिन आगरा, भरतपुर, जयपुर व कोटा जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ये संचालित हैं होती हैं पैंसेजर ट्रेनें

आम यात्रियों के लिए पैंसेजर टे्रन खासी महत्व रखती हैं। फिलहाल इनका संचालन बंद पड़ा है। भरतपुर, बयाना, रूपवास और जयपुर लाइन पर नदबई समेत अन्य छोटे स्टेशनों पर पैंसेजर ट्रेनों का ठहराव होता है। इसमें बयाना लाइन पर सवाईमाधोपुर-मथुरा पैसेंजर, मथुरा-बयाना पैसेंजर, आगरा फोर्ट-कोटा वाया बयाना, जयपुर-बयाना पैसेंजर, मथुरा-रतलाम और आगरा लाइन पर बांदीकुई-ईदगाह पैसेंजर, भरतपुर-मथुरा-कासंगज पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं।

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