भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े जनाना अस्पताल में जल्द ही उपचार की व्यवस्था है और बेहतर हो जाएंगी। इसके लिए अस्पताल में एक नए एनआईसीयू और नए वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं जिला कलक्टर ने शिशु और प्रसूति वार्डों के लिए 23 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। इन सारी सुविधाओं का जल्द ही मरीजों को लाभ मिल सकेगा। बुधवार शाम को जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने संभाग के सबसे बड़े जनाना अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल परिसर में तीन दुकानें संचालित होती पाई गई, इनको अस्पताल परिसर से बाहर संचालित करवाने के निर्देश दिए। साथ ही अस्पताल में एक नए एनआईसीयू और नए वार्डों का निर्माण हो रहा है। इनमें संबंधित इंजीनियरों को कलक्टर आलोक रंजन ने गुणवत्तापूर्ण कार्य समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही अस्पताल परिसर में नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर के खाली पड़े भवन में भी जीर्णोद्धार कार्य कराकर महिला वार्डों को शिफ्ट किया जाएगा। इन कार्यों में नगर निगम की भी मदद ली जाएगी। कलक्टर आलोक रंजन ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मद के 23 लाख रुपए से अस्पताल के दो शिशु वार्ड और दो प्रसूति वार्डों को सुविधायुक्त बनाया जाएगा। इससे प्रसूता और शिशुओं को सुविधाओं का लाभ मिल सके।
जिला कलक्टर रंजन ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में गंदगी मिलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व में इसको लेकर निर्देशित किया जा चुका है। शौचालयों के गेट तक टूटे पड़े हैं। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रसूताओं को मिलने वाले योजनाओं के लाभ के बारे में जानकारी देने के लिए बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। इसके लिए पूर्व के निरीक्षण में भी बताया गया था, लेकिन कोई प्रबंध नहीं किए गए।