गौरतलब है कि विभाग से पंजीकृत श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिया जाता है। यह लाभ भवन निर्माण कराने वाले भवन मालिकों से भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 के तहत निर्माण लागत पर एक प्रतिशत वसूल कर दिया जाता है। बावजूद इसके जून 2018 में उपकर राशि निर्धारित होने के बाद अब तक सात भवन मालिकों ने उपकर जमा नहीं कराया है।
अब इनसे संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार के माध्यम से एक प्रतिशत उपकर व 24 प्रतिशत ब्याज सहित राशि वसूल की जाएगी। वहीं इस वर्ष जनवरी से अब तक 100 भवन मालिकों ने निर्माण तो कराए, मगर उपकर जमा कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। विभाग ने इनमें से 25 भवन मालिकों पर 04 लाख 54 हजार 197 रुपए उपकर निर्धारण कर राशि जमा कराने के नोटिस जारी किए हैं। शेष 75 भवन मालिकों को दस्तावेजों सहित सात दिन में कार्यालय में उपस्थित होने के नोटिस जारी किए हैं। इसके अलावा जून 2018 में 07 भवन मालिकों पर 31 लाख 93 हजार 516 रुपए उपकर निर्धारित कर दिया था, लेकिन इन्होंने जमा नहीं कराया था।
विभाग ने 32 भवन मालिकों पर 36 लाख 47 हजार 713 रुपए का निर्धारण किया है, जिसे वसूल करेंगे। इसके अलावा विभाग जिले में सर्वे करा रहा है, जहां भवन निर्माण हो रहे हैं। विभाग ने सर्वे के दौरान जनवरी में 25, फरवरी में 20 और मार्च में अब तक 55 भवन मालिकों को नोटिस जारी किए हैं। इनमें से 25 जनों पर 4 लाख रुपए से अधिक उपकर निर्धारण कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि भवन निर्माण की लागत दस लाख रुपए या इससे अधिक होने पर उपकर लिया जाता है। निर्माणकर्ता या ठेकेदार को कुल निर्माण लागत पर एक प्रतिशत सेस जमा कराना अनिवार्य है। पहले विभाग सात दिवस, फिर पन्द्रह दिवस का नोटिस जारी करता है।
फिर भी ध्यान नहीं देने पर विभाग जिला कलक्टर को अवगत कराता है। जिला कलक्टर फिर तहसीलदार के माध्यम से वसूली करते हैं। संभागीय संयुक्त श्रमायुक्त भरतपुर ओपी सहारण ने बताया कि जिले में भवन निर्माण कार्यों का सर्वे कराया जा रहा है। विभाग ने उपकर राशि वसूली के लिए नोटिस जारी किए हैं। लोगों का दायित्व है कि वह समय पर निर्माण लागत का एक प्रतिशत उपकर जमा कराएं। ऐसा करने पर ब्याज व जुर्माने से बच सकेंगे।