खुद नगर निगम ही अटकाता रहा रोड़ा जब राज्य सरकार का दबाव पड़ा तो पूर्व में नगर निगम ने यह कहते हुए अड़ंगा लगा दिया कि परकोटे के रास्ते पांच फीट के हैं। लिहाजा इसके अतिक्रमणों को नियमित नहीं किया जा सकता। यानी पट्टे जारी नहीं किए जा सकते। नगर निगम स्वयं इस परकोटे पर बीस फीट की रोड पहले ही बनवा चुका है। जिसे वह खुद झुठलाकर पांच फीट की बता रहा था। यहां तक कि पानी और बिजली के कनेक्शन तक पहुंच गए हैं। दुबारा रिपोर्ट मांगी गई तो सच का पता चला। अब यह कार्रवाई आगे बढ़ चुकी है। इधर, नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार के नेतृत्व में प्रस्ताव को स्वीकृति देने की मांग को लेकर स्वायत शासन विभाग के निदेशक को ज्ञापन दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में समिति के संयोजक जगराम धाकड़, कै. प्रताप सिंह, मानसिंह मास्टर, राजवीर चौधरी, भगवान सिंह, समुंदर सिंह, जगदीश खंडेलवाल, नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष इंद्रजीत भारद्वाज आदि शामिल रहे।
पहले ही जारी हो चुके हैं 250 पट्टे स्थानीय निकाय 1958 से 1977 तक 260 पट्टा जारी कर चुका है। बदले में तबकी नगर परिषद को एक पट्टा जारी करने पर पचास रुपए प्रति वर्ग गज की दर से राजस्व प्राप्त हुआ था। 2003 में पुरातत्व विभाग ने इस परकोटे को नगर निगम को सौंप दिया। उस समय इस परकोटे पर 1448 अतिक्रमण थे। पुरातत्व विभाग की अनापत्ति के बाद पट्टा जारी करने की सारी अड़चनें दूर हो गईं। इसके बाद भी निगम प्रशासन आनाकानी करता रहा। समिति ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा तो 2018 में डीएलवी को आदेश दिया कि प्रस्ताव बनाकर भेजें। इस पर नगर निगम ने रिपोर्ट तो भेजी पर यह अड़चन लगाकर। रिपोर्ट का विरोध हुआ तो हाल में ही दुबारा रिपोर्ट भेजी गई। संघर्ष समिति के उप संयोजक श्रीराम चंदेला, राजवीरसिंह, गोपीकांत शर्मा, भागमल वर्मा, देवीसिंह, कैप्टन प्रतापसिंह, पार्षद चंदा पंडा, पार्षद चतरसिंह सैनी एवं पार्षद किशोर सैनी ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार इस समस्या को और ज्यादा समय तक लंबित करती है तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा।
-मैंने परकोटावासियों को पट्टे दिलाने का किया था, जिसे पूरा करा कर रहूंगा। इसमें पूरा बोर्ड आपके साथ है। जल्द ही सरकार इस पर निर्णय लेगी। अब उपसमिति प्रस्ताव को स्वीकृति कर देती है तो नगर निगम भी अपना काम शुरू कर देगी।
अभिजीत कुमार
मेयर नगर निगम
-लंबे समय से यह मांग चल रही है। अब बोर्ड बैठक में भी प्रस्ताव पारित हो चुकी है। कोशिश है कि जल्द से जल्द उपसमिति की ओर से इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया जाए।
गिरीश चौधरी
डिप्टी मेयर नगर निगम