बताया गया है कि व्याख्याता ने छात्राओं से मोबाईल नंबर मांगते हुए अश्लील कमेंट की। इस मामले में चार दिन बाद शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की नींद खुली तब सोमवार को विभाग की संयुक्त निदेशक इन्द्रासिंह के नेतृत्व में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम ने स्कूल पहुंचकर प्रकरण की जानकारी जुटाकर स्कूल स्टाफ की बैठक ली और दिशा निर्देश दिए।
इस दौरान अधिकारियों ने बालिकाओं के साथ हुई घटना पर नाराजगी जताते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं करने के निर्देश दिए। उधर संस्था प्रधान ने सीएल स्वीकृत नहीं करने के बावजूद चौथे दिन भी व्याख्याता प्रेमप्रकाश वर्मा स्कूल नहीं पहुंचा है। संयुक्त निदेशक सिंह ने बताया कि मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रिंपू सुदनसिंह, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमसिंह कुंतल सहित सीबीईओ डीग तारासिंह तथा प्रमोद तिवारी के साथ स्कूल पहुंचे।
उन्होंने कॉमर्स व्याख्याता वर्मा द्वारा कक्षा 9 वीं की टीसी लेने गई दो छात्राओं से अश्लील कमेंट के मामले में संस्था प्रधान पुष्पा उपाध्याय व स्कूल स्टाफ से जानकारी ली। डीईओ कुंतल ने बताया कि इस विद्यालय में 11 वीं कक्षा में वाणिज्य वर्ग में एक भी विद्यार्थी का प्रवेश नहीं हो रहा है, जो कि चिंता का विषय है। वाणिज्य वर्ग में प्रवेश बढ़ाने के लिए पिं्रसीपल को टारगेट दिया गया है।
इसके साथ ही छात्राओं को नियमित होमवर्क देने, बोर्ड परीक्षा के परिणाम की समीक्षा भी की गई है। डीईओ ने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। इस मामले में टीम ने सभी स्तर से जांच की और निर्देश दिए।
डीईओ भरतपुर प्रेमसिंह कुंतल का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जांच रिपोर्ट भेज दी है। जल्द ही आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई होगी। छात्राओं की पढ़ाई के साथ स्कूल वातावरण तथा अन्य सुधारों के लिए पिं्रसीपल को कड़े निर्देश दिए। आगे से प्रत्येक महीने स्कूल की प्रोग्रेस रिपोर्ट लेकर जांच की जाएगी।
वहीं डीग में विद्यालय की प्राचार्य पुष्पा उपाध्याय का कहना है कि मेरी मानसिक स्थिति सही नहीं है। मैं फिलहाल कुछ भी बताने के मूड में नहीं हूं। उच्चाधिकारियों से आप जानकारी कर लेें।