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भरतपुर

ऐसे तो हो जाएंगे हादसे…

भरतपुर. खुले पड़े फ्यूज बॉक्स हादसे का कारण बन सकते हैं। शहर में ऐसे कई स्थान हैं जहां फ्यूज बॉक्स खुले हैं, लेकिन बॉक्सों को ढकने की कवायद कम की जा रही।

भरतपुरFeb 09, 2020 / 11:22 pm

pramod verma

ऐसे तो हो जाएंगे हादसे...

ऐसे तो हो जाएंगे हादसे…

भरतपुर. खुले पड़े फ्यूज बॉक्स हादसे का कारण बन सकते हैं। शहर में ऐसे कई स्थान हैं जहां फ्यूज बॉक्स खुले हैं, लेकिन बॉक्सों को ढकने की कवायद कम की जा रही। ऐसे में राहगीर, बच्चों के साथ करंट लगने की आशंका बनी रहती है, विशेषकर आवारा पशुओं इसकी चपेट में आते हैं।
शहर में भरतपुर इलेक्ट्रीसिटी सर्विस लि. के हाथों में विद्युत सप्लाई की व्यवस्था है फिर कई क्षेत्रों में अंडर ग्राउण्ड केबल से कनेक्ट फ्यूज बॉक्स व खंभों के पास लगे बॉक्स खुले पड़े हैं। ऐसे में रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला फिर भी करंट की आशंका बनी रहती है।
ऐसे क्षेत्र रनजीत नगर, मथुरा गेट व इसके पास खटीक मोहल्ला, गोलबाग रोड, बुध की हाट, अनाह गेट आदि में देखी जा सकती है। यहां से लोगों के निकलते समय व गोवशं के लड़ते वक्त बॉक्सों से टकराने से हादसा हो सकता है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था जरूरी है।
मथुरा गेट निवासी राजीव शर्मा का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बॉक्स खुले हैं। इसकी शिकायत की, लेकिन सुनवाई देरी से हुई। वहीं प्लास्टिक के कबर लगा दिए। इन्हें भी लोग उखड़ाकर ले गए, यहां पर पुख्ता इंतजाम होने चाहिए क्योंकि करंट किसी को भी लग सकता है। हालांकि, बिजली कंपनी ने हाल ही में लक्ष्मण मंदिर से गंगा मंदिर तक खुले फ्यूज बॉक्सों को ढकने की व्यवस्था प्लास्टिक का कबर लगाकर कर की। बावजूद इसके असामाजिक तत्व कई स्थानों से बॉक्सों पर लगे कबरों को उखाड़कर ले गए। सूत्रों का कहना है कि पहले लोहे के बॉक्स लगे थे, जिन्हें तोड़कर ले गए।
बीईएसएल के सीओओ जयंत राय चौधरी का कहना है कि सुरक्षा के लिए कंपनी ने हाल ही में फ्यूज बॉक्सों पर प्लास्टिक के कबर लगाए थे, लेकिन लोग उखाड़कर ले जाते हैं। पहले लोहे के लगे थे उन्हें भी तोड़ ले गए। शहर में जहां-जहां बॉक्स खुले हैं मैं दिखवाता हूं। इंतजाम करेंगे।

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