scriptपोलियो व टीबी के टीकों से महरूम हैं जिले के हजारों बच्चे | Thousands of children in the district are missing from polio vaccines | Patrika News
भरतपुर

पोलियो व टीबी के टीकों से महरूम हैं जिले के हजारों बच्चे

भरतपुर. लाख प्रयास व जागरूकता के बावजूद जिले के हजारों शिशु महत्वपूर्ण बीमारियों से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीकों से महरूम हैं। चिकित्सा विभाग के आंकड़ों की मानें तो दिसम्बर 2018 में जिले के निर्धारित लक्ष्य के करीब 30 फीसदी बच्चों को बीसीजी, पोलियो, पेन्टावेलेन्ट जैसे महत्वपूर्ण टीके नहीं लग पाए। अब विभागीय अधिकारी टीके नहीं लगवाने वाले बच्चों का सर्वे करने में जुटे हुए हैं।

भरतपुरFeb 09, 2019 / 09:16 pm

shyamveer Singh

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भरतपुर. लाख प्रयास व जागरूकता के बावजूद जिले के हजारों शिशु महत्वपूर्ण बीमारियों से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीकों से महरूम हैं। चिकित्सा विभाग के आंकड़ों की मानें तो दिसम्बर 2018 में जिले के निर्धारित लक्ष्य के करीब 30 फीसदी बच्चों को बीसीजी, पोलियो, पेन्टावेलेन्ट जैसे महत्वपूर्ण टीके नहीं लग पाए। अब विभागीय अधिकारी टीके नहीं लगवाने वाले बच्चों का सर्वे करने में जुटे हुए हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो लोगों में जागरुकता की कमी के चलते वो समय पर बच्चों को जरूरी टीके नहीं लगवा पाते।
दिसम्बर में 15 हजार से अधिक बच्चों को नहीं लग पाए टीका
चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिसम्बर 2018 तक पोलियो, बीसीजी, पेन्टावेलेन्ट व मीजल्स के 51046 हजार बच्चों को टीका लगने थे। लेकिन उक्त अवधि तक जिले में पोलियो व पेन्टावेलेन्ट के 35,732(70त्न) बच्चों को, बीसीजी के 37,274(74त्न) बच्चों को व मीजल्स के 40,836(80त्न) बच्चों को ही टीके लग पाए। बाकी बच्चे उक्त महत्वपूर्ण टीकों से महरूम रह गए। अब ऐसे बच्चों के टीकाकरण के लिए विभाग की ओर से सर्वे कराया जा रहा है।
इन महत्वपूर्ण बीमारियों से बचाते हैं टीके
1-पोलियो का टीका
2-बीसीजी टीका- नवजात बच्चों को टीबी से बचाव के लिए
3-पेन्टावेलेन्ट(पांच टीके)- डिप्थीरिया, टिटनेस, निमोनिया, हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए
4-मीजल्स- खसरा से बचाव के लिए

हमारा पूरा प्रयास रहता है कि बच्चों को महत्वपूर्ण टीके समय पर लगें। लेकिन कई बार परिजन बच्चों के लेकर कहीं चले जाते हैं या अन्य किसी वजह से वो टीके नहीं लगवा पाते। इसके लिए हम सर्वे भी करा रहे हैं।
– डॉ. अमर सिंह, आरसीएचओ, भरतपुर
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