सरकार ने योजना में असंगठित कामगार जैसे घरेलू. रिक्शा चालक, थड़ी, ठेला चालक, हमाल, ईंट-भट्टा श्रमिक, बीडी श्रमिक, कचना बीनने वाले, भूमिहीन श्रमिक, दर्जी, भवन निर्माण श्रमिक, हैण्डलूम, चर्मकार आदि को 60 वर्ष की उम्र होने पर पेंशन का लाभ पहूुंचाने का प्रावधान रखा है। इसे को लागू करते हुए सरकार ने कुछ नियम भी निर्धारित किए हैं। सर्वप्रथम इस योजना का लाभ लेने वालों को नागरिक सेवा केंद्र पर पंजीयन कराना होगा।
कोई भी व्यक्ति अगर असंगठित की श्रेणी में आता है तो उसकी आय 15 हजार रुपए मासिक से अधिक नहीं हो, 18 से 40 वर्ष हो उम्र, आधार कार्ड व स्वयं का बैंक का बचत खाता या जन धन की पासबुक की प्रति, मोबाइल नंबर देना होगा। इसमें आयु के अनुरूप अंशदान 55 रुपए से 200 रुपए तक है। वहीं पंजीयन कराते समय अंशदान की प्रथम किश्त कामगार को नकद देनी होगी। इसके बाद उसके बचत खाता से शुल्क (अंशदान) उसकी उम्र के हिसाब से कटता रहेगा।
कामगार की आयु के अनुसार जितना भुगतान करेगा उतनी ही राशि का भुगतान केंद्र सरकार करेगी। उसकी उम्र 60 वर्ष होने पर सरकार उसे करीब 03 हजार रुपए पेंशन देगी। पेंशन लेने के दौरान मृत्यु होने पर सरकार उसकी पत्नी को 50 प्रतिशत पेंशन देगी। कामगार अगर बीच में अंशदान देना बंद करता है तो उसकी जमा राशि मय ब्याज के लौटाने का प्रावधान भी है।जिला श्रम कल्याण अधिकारी हसीना बानों ने बताया कि केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के साथ वृद्धावस्था में जीवन व्यवस्थित करने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना से पेंशन दी जाएगी। योजना पांच मार्च से प्रभावी हो जाएगी।