जो पहले थे साथ, अब हुए उनके ही खिलाफ पार्षद रूपेन्द्र ने कहा कि निगम की गलत नीतियों के कारण धरना देने को मजबूर होना पड़ा है। किशोर सैनी ने कहा कि निगम में घुसते ही पहली एकल खिड़की से भ्रष्टाचार प्रारंभ हो जाता है। पार्षद दाऊदयाल ने कहा कि शहर को बेचने की कवायद तुरन्त प्रभाव से बन्द हो तथा सभी वार्डों में विकास कार्य समान रूप से कराए जाएं। नरेश जाटव पार्षद ने कहा कि सफ ाई टेण्डर पर जनता के पक्ष में महापौर का विरोध करने वाले पार्षदों के वार्डों में विकास कार्यों की फाइलें मेयर रोककर बैठे हैं। पार्षद श्यामसुन्दर गौड ने कहा कि महापौर व्यापारी है, जनता व विकास से कोई लेना देना नहीं है। कच्चा डण्डा वालों को आश्वासन देने के बाद भी महापौर पट्टे नहीं दे रहे हैं।
यह है मामला 25 जून 2021 को हुई नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव संख्या 69 पर भरतपुर शहर की चयनित मुख्य सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग, डोर टू डोर कचरा संग्रह और परिवहन कार्य एवं 40 वार्डों की मैनुअल स्वीपिंग की डीपीआर स्वीकृति करने एवं उक्त कार्य पर तीन वर्षों में होने वाले 60.46 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पर विचार को शामिल किया गया था। पार्षदों के विरोध के बाद निर्णय लिया गया था कि 21 सदस्यीय कमेटी गठित कर किसी दूसरे शहर में संबंधित कंपनी की सफाई व्यवस्था का अवलोकन कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। 29 सितंबर को हुई बैठक में प्रस्ताव संख्या 77 पर इसे पार्षदों की वोटिंग से पास करा दिया गया। इसमें 18 पार्षदों ने विरोध किया था, जबकि 31 पार्षदों ने प्रस्ताव का समर्थन किया था।