सरकार के निर्देश पर 80 किलो के कट्टे में सरसों की भराई को अब 50 किलो के कट्टे में कराना निर्धारति किया है। पहले 80 किलो भराई पर सात रुपए देना तय था। अब सरकार ने नियम में बदलाव कर सरसों की तुलाई 50 किलो के कट्टे में कराना तय किया है। इस पर व्यापारियों ने प्रति कट्टा 6.34 रुपए देना निर्धारित किया है, लेकिन मंडी में लगभग 600 मजूदर पूर्व निर्धारित सात रुपए मजदूरी पर भराई कराने की मांग कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि एक अपे्रल 2019 को मजदूरी में सात प्रतिशत बढ़ावा किया था, जो प्रतिवर्ष होती है। पहले ये 80 किलो के कट्टे में सरसों की भराई करते थे तो सात रुपए के हिसाब से देते थे। अब कट्टे में भराई का वजन 50 किलो कर दिया है तो उसी के अनुरूप मजदूरी दी जानी चाहिए।
मजदूरों का कहना है कि अन्य मंडियों में 70 प्रतिशत व्यापारी 50 किलो के कट्टे में सरसों की भराई पर 7 रुपए दे रहे हैं, लेकिन 30 प्रतिशत व्यापारी 6.34 पैसे मजूदरी दे रहे हैं। इसके विरोध में भरतपुर सरसों मंडी के मजदूरों ने हड़ताल कर मजूदरी सात रुपए देने की मांग की है। इनका कहना है कि वजन कम हो गया है लेकिन उनकी मेहनत के अनुसार मजूदरी सात रुपए मिलनी चाहिए।
व्यापार मंडल नई मंडी के अध्यक्ष प्रकाशचंद गुप्ता का कहना है कि एक अप्रेल 2019 को सात प्रतिशत मजूदरी बढ़ाई थी। तब 80 किलो भराई पर देते थे। अब सरकार ने तुलाई 50 किलो के कट्टे में सरसों की भराई कर दी है तो उसके अनुसार मजदूर को 6.34 रुपए मजदूरी बनती है। ये मांग पर अड़े हैं कि सात रुपए दी जाए। मजदूरों से समझाइश कर रहे हैं कि अप्रेल में मजदूरी बढ़ती है। हमारी कोशिश जारी है।
मजूदर संगठन नई मंडी इंटक भरतपुर के अध्यक्ष पीतम का कहना है कि 80 किलो के कट्टे में सरसों भराई पर सात रुपए देते थे, जिसे सरकार ने 50 किलो के कट्टे में भराई कर दिया। इस पर 30 प्रतिशत व्यापारी 6.34 रुपए दे रहे हैं जबकि 70 प्रतिशत व्यापारी सात रुपए के हिसाब से मजदूरी दे रहे हैं। हमारी मांग का समाधान नहीं होता तब तक हड़ताल रखेंगे।
वहीं कृषि उपज मंडी समिति के सचिव कैलाश सिंघल का कहना है कि सरकार ने सरसों की भराई 50 किलो के कट्टे में करना निर्धारित किया है। पहले यह 80 किलो के कट्टे में होती थी। तब इन्हें सात रुपए दिया जाता था। अब 50 किलो में कर दी है। मजदूर वर्ग व्यापारियों से सात रुपए लेने की कह रहा है। इस बात को लेकर हड़ताल की है। व्यापारियों और मजूदरों में वार्ता की जा रही है। समाधान निकलेगा।