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भरतपुर

बैंड, बाजा न बारात, शादी कारोबार क्वॉरंटीन

– 10 करोड़ से ऊपर का कारोबार का लगा फटका

भरतपुरApr 24, 2021 / 03:59 pm

Meghshyam Parashar

बैंड, बाजा न बारात, शादी कारोबार क्वॉरंटीन

बैंड, बाजा न बारात, शादी कारोबार क्वॉरंटीन

भरतपुर. दूल्हे का सेहरा और दुल्हन का चेहरा देखने की बारातियों की हसरत इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते पूरी होती नजर आ रही। न बैंड-बाजा बज रहा है और न बारात निकल रही है। ऐसे में शादियों का कारोबार क्वॉरंटीन होता नजर आ रहा है। अप्रेल माह की बात करें तो शादियों से जुड़ा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक इस कारोबार को करीब 10 करोड़ रुपए का फटका लगा है। अप्रेल माह में ही शहर के मैरिज होम की करीब 300 बुकिंग कैंसिल हुई हैं।
कोरोना की दूसरी लहर को लेकर सरकार ने शादियों पर खासी बंदिशें लगाई हैं। शादियों में महज 50 व्यक्तियों की सीमित संख्या ने मैरिज होम्स की बुकिंग को धड़ाधड़ रद्द कराया है। इससे मैरिज होम संचालकों को तगड़ा झटका लगा है। वहीं शादियों में अन्य व्यवस्थाएं करने वाले लोगों का रोजगार भी खासा प्रभावित हुआ है। लोगों की सीमित संख्या के चलते ज्यादातर लोग मैरिज होम्स की बजाय अब होटलों में शादी करने को तवज्जो दे रहे हैं। ऐसे में मैरिज होम्स संचालकों को इस पाबंदी ने तगड़ा झटका दिया है। अप्रेल माह में ही बंदिश के चलते करीब 80 प्रतिशत बुकिंग निरस्त हो चुकी हैं।
जिले में करीब 300 मैरिज होम

जिले में करीब 300 मैरिज होम संचालित हैं। इनमें से करीब 90 मैरिज होम अकेले भरतपुर शहर में संचालित हैं। मैरिज होम संचालक सहित अन्य कारोबार पिछले कोरोना काल में भी नहीं चल सका। इस बार इन्हें उम्मीद थी, लेकिन इस बार भी पाबंदी ने इनके कारोबार को खूब चपत लगाई है। अप्रेल और मई माह की शादियों के लिए लोगों ने जनवरी-फरवरी माह में ही बुकिंग करा दी थीं, जो अब निरस्त हो गई हैं।
कैटरिंग का एक करोड़ का कबाड़ा

शादी-समारोह में कैटरिंग का काम करने वालों को भी इससे खासा झटका लगा है। एक अनुमान के मुताबिक कैटरिंग का करीब एक करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है। एक मध्यमवर्गीय शादी में करीब 7 से 8 लाख रुपए खर्च होते हैं। ऐसे में इस सीजन में बहुतेरी बुकिंग कैंसिल होने से कैटरिंग सहित इस कारोबार से जुड़े अन्य लोगों को भी लाखों की चपत लगी है।
बैण्ड वादकों के रोजगार पर भी संकट

शादियों में पचास लोगों की सीमा तय करने से लोगों ने बड़े बैण्डबाजों को भी निरस्त कर दिया है। ऐसे में जहां एक शादी में 20 से 80 हजार रुपए का बैण्ड होता था। वहीं अब केवल आठ से दस हजार रुपए वाला ही बैण्ड किया जा रहा है। बैण्ड वालों का कहना है कि गत वर्ष भी कोरोना के कारण कोई आय नहीं हुई थी। ऐसे में कर्ज लेकर कलाकारों का घर चलाया था। इस बार कमाई की उम्मीद थी, लेकिन अब ऐन वक्त पर कोरोना का कहर बढऩे से फिर से भूखे मरने की नौबत आ गई है। अब खुद का खर्च चलाएं या फिर कलाकारों के घर के लिए खर्च दें।
इनके कारोबार का भी बजा बैंड

मैरिज होम संचालकों की मानें तो मैरिज होम से शादी निरस्त होने के चलते एक शादी में करीब आठ लाख रुपए का कारोबार प्रभावित होता है। मैरिज होम की राशि तो घटती ही है। इसके अलावा कैटरिंग, मजदूरी, लाइटिंग, डेकोरेशन, बैण्ड बाजा, घोड़ी वाला, फूल वाले एवं हलवाई सहित अन्य छोटी-मोटी व्यवस्थाएं भी निरस्त हो जाती हैं। इसके चलते शादियों से जुड़े कारोबार करने वालों को करोड़ों रुपए का झटका लगा है।
यह बोले कारोबारी

कोरोना संक्रमण के चलते बंद से व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है। मैरिज होम के साथ टैंट एवं अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। शादी में लोगों की संख्या 50 से बढ़ाकर 150 से 200 के बीच होनी चाहिए, जिससे लोगों का रोजगार चल सके।
– जितेन्द्र गोयल उर्फ ज्वाला, सचिव मैरिज होम एसोसिएशन भरतपुर

डेढ़ वर्ष बाद इस बार मैरिज होम चलने की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना ने फिर से कमर तोड़ दी है। सरकार से भी टैक्स वगैरह में कोई राहत नहीं मिलती है। संक्रमण के चलते बुकिंग कैंसिल हुई हैं। इससे कारोबार खासा प्रभावित हुआ है।
– रजनीकांत सिंह, मैरिज होम संचालक

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