हकीकत यह है कि पोषाहार व दूध योजना से संबंधित शिकायत आए दिन आती रहती हैं, लेकिन शिकायत होते ही कुछ दिन के लिए संबंधित स्कूल में व्यवस्थाओं को सही कर दिया जाता है। इसके पीछे एक और हकीकत यह है कि इस व्यवस्था से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों की शह पर ही पोषाहार में गड़बड़ी का खेल चलता है। इससे अगर शिकायत भी होती है तो उसे दबा दिया जाता है। पोषाहार का प्रभारी बनने के लिए भी रसूखदार नेताओं का दबाव तक शामिल होता है।
निरीक्षण के खास बिंदु
-हर जिले में 27-28 फरवरी को कम से कम 20 प्रतिशत स्कूलों का चयन कर औचक निरीक्षण किया जाएगा।
-चयनित स्कूलों में 20 प्रतिशत दूरस्थ एवं दुर्गम स्थानों के होंगे।
-जिनका पिछले दो साल में एक बार भी निरीक्षण नहीं हुआ, उन्हें भी शामिल किया जाएगा।
-हर श्रेणी के स्कूल निरीक्षण में शामिल किए जाएंगे।
-जिला कलक्टर निरीक्षण दल गठित करेंगे, जिनमें जिला परिषद् सीईओ, एसीईओ, एसडीएम, तहसीलदार, जिला व ब्लॉकस्तरीय शिक्षा अधिकार होंगे। गठन व निरीक्षणकर्ता को 26 फरवरी तक सूचित करना होगा।
-कलक्ट्रेट स्तर पर जिला शिक्षा एवं ब्लॉक स्तर पर बीइइओ कार्यालय में संबंधितों को 25 फरवरी को निरीक्षण संबंधी ब्यौरा दिया जाएगा।
-निरीक्षण के दिन सुबह 10 बजे दल रवाना होंगे और कुल दलों की सूचना मोबाइल पर मिड डे मील आयुक्त को मोबाइल पर देनी होगी।
-पंचायत समिति स्तर के निरीक्षण दलों की संख्या व रवाना होने की सूचना बीइइओ को देंगे।
-निरीक्षण की पूरी रिपोर्ट तय फॉर्मेट में भरकर शाम छह बजे उसी दिन आयुक्तालय को ई-मेल पर भेजनी होगी।
-ब्लॉक स्तर से सूचनाओं का संकलन कर कलक्टर के माध्यम से आयुक्तालय भेजी जाएगी।
-पाई गई कमियों पर सुधारात्मक कदम उठाने होंगे। गबन, अनियमितता पर चोरी के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित करनी होगी।
सुनील कुमार अग्रवाल
प्रभारी मिड डे मील